भैयादूज पर महिलाओं ने मांगीं भाई के लिए दुआएं
जहानाबाद : जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में उल्लास के साथ भैया दूज का पर्व मनाया गया. शहर के विभिन्न जगहों पर महिलाओं ने सामूहिक पूजा कर भाइयों की सलामती के लिए दुआएं मांगीं. शहर के गौरक्षिणी, बड़ी संगत, मलहचक, ठाकुरबाड़ी, श्याम नगर, लोकनगर, राजाबाजार, पंचमहल्ला, गांधी मैदान, प्रोफेसर कॉलोनी समेत कई मुहल्लों में […]
जहानाबाद : जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में उल्लास के साथ भैया दूज का पर्व मनाया गया. शहर के विभिन्न जगहों पर महिलाओं ने सामूहिक पूजा कर भाइयों की सलामती के लिए दुआएं मांगीं. शहर के गौरक्षिणी, बड़ी संगत, मलहचक, ठाकुरबाड़ी, श्याम नगर, लोकनगर, राजाबाजार, पंचमहल्ला, गांधी मैदान, प्रोफेसर कॉलोनी समेत कई मुहल्लों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की.
इसके बाद महिलाओं ने अपने भाइयों को रोली का तिलक लगा प्रसाद खिलाया. वहीं, भाइयों ने भी बहनों को उपहार दिया. ऐसी मान्यता है कि भैया दूज या यमदुतिया के दिन स्वयं महाराज इस पृथ्वी पर अपनी बहन (यमुना) से मिलने आते हैं यम को काल व धर्मराज भी कहा जाता है.
धार्मिक मान्यता है कि वे मनुष्यों को मृत्यु के बाद उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. इस पृथ्वी मंडल में इनकी प्रत्यक्ष उपस्थिति के समय साधकों को अपनी मानसिक व शारीरिक कर्मों के प्रति विशेष सावधान रहना चाहिए. पुजारी पंडित किशोर पांडेय ने बताया कि पुराण में यह उल्लेख किया गया है कि यमुना भगवान श्री कृष्ण की आठ प्रमुख रानियों में से एक हैं. ऐसी मान्यता है कि इस पर्व का अनुष्ठान करने से बहनें अपने भाइयों की जीवन रक्षा करने में सफल हो जाती हैं. यह पर्व यमुना यम के प्रेम का प्रतीक है.