शिक्षा का अधिकार कानून बना मजाक : इनौस

जहानाबाद (नगर) : जिले में शिक्षा का अधिकार कानून मजाक बन कर रह गया है. इस कानून के तहत विगत तीन वर्षो में सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त विभिन्न विद्यालयों में गरीब व निर्धन परिवार के 565 छात्रों का नामांकन कराया गया है, लेकिन इन छात्रों को न ही स्कूल ड्रेस, न किताबें और न ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:37 PM

जहानाबाद (नगर) : जिले में शिक्षा का अधिकार कानून मजाक बन कर रह गया है. इस कानून के तहत विगत तीन वर्षो में सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त विभिन्न विद्यालयों में गरीब व निर्धन परिवार के 565 छात्रों का नामांकन कराया गया है, लेकिन इन छात्रों को न ही स्कूल ड्रेस, न किताबें और न ही लेखन सामग्री ही दी जा रही है, जिससे निर्धन व गरीब परिवार के छात्रों परेशानी हो रही है.

इस कारण 565 छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है. इन्हीं ज्वलंत सवालों को लेकर इनकलाबी नौजवान सभा के बैनर तले छात्रों के अभिभावकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया.

कार्यक्रम का नेतृत्व संतोष केशरी, लक्ष्मण गुप्ता, रविरंजन पासवान ने किया. धरना को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि नीतीश सरकार के शासन काल में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है. केंद्र सरकार द्वारा घोषित आरटीआइ कानून में मची लूट और भ्रष्टाचार में गरीब व निर्धन छात्रों के साथ मजाक उड़ाया जा रहा है. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

नेताओं ने आरटीआइ कानून को कड़ाई से लागू करने, नामांकित सभी छात्रों को स्कूल ड्रेस, किताब व लेखन सामग्री अविलंब उपलब्ध कराने, शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, आरटीआइ कानून के तहत कम सीटों की जानकारी देनेवाले विद्यालयों पर कार्रवाई करने आदि की मांग की.

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