सब्जी की खेती से बेटों को डॉक्टर बनाने की तैयारी

सब्जी की खेती से बेटों को डॉक्टर बनाने की तैयारीगरीबी ने रोकी शिक्षा, तो खेती को बना लिया कैरियर फोटो – 6 पंचदेवरी. कहा जाता है कि ईश्वर सभी दरवाजे एक साथ बंद नहीं करता. एक बंद करता है, तो दूसरा अवश्य ही खोल देता है. बस जरूरत होती है उसे समझने की. क्षेत्र चाहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2015 6:22 PM

सब्जी की खेती से बेटों को डॉक्टर बनाने की तैयारीगरीबी ने रोकी शिक्षा, तो खेती को बना लिया कैरियर फोटो – 6 पंचदेवरी. कहा जाता है कि ईश्वर सभी दरवाजे एक साथ बंद नहीं करता. एक बंद करता है, तो दूसरा अवश्य ही खोल देता है. बस जरूरत होती है उसे समझने की. क्षेत्र चाहे कोई भी हो, यदि लगन और मेहनत से काम किया जाये, तो सफलता अवश्य मिलती है. इस बात को साबित कर दिखाया है दयानंद ने. वह युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत बन गये हैं. आज इनके संघर्षों और मेहनत का परिणाम है कि पूरे गांव की तसवीर बदल गयी है. अब इलाके के युवा इन्हें अपना आइडियल मान रहे हैं. दयानंद के जीवन में गरीबी ने शिक्षा में रुकावट डाली, तो खेती को ही कैरियर बना लिया. आज उसी खेती की बदौलत उन्होंने अपने परिवार की तकदीर बदल दी है. यह युवा किसान पंचदेवी प्रखंड के कुईसा खुर्द टोला मिश्रौली निवासी दयानंद यादव हैं. दयानंद शुरू में एक मेधावी छात्र थे, लेकिन विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें नौवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर कर दिया. अंतत: उन्होंने अपनी प्रतिभा व बुलंद हौसले से कृषि के क्षेत्र में किया और आज इलाके के किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए हैं.एक साल में पांच से सात लाख की कमाईदयानंद ने खेती की बदौलत अपनी एक पहचान बना ली है. वह सब्जी की खेती कर साल में पांच से सात लाख तक की कमाई कर लेते हैं. आज उनके पास खेती करने के सारे संसाधन मौजूद हैं. खुद मैट्रिक की पढ़ाई नहीं कर सकनेवाला यह किसान कभी झोंपड़ी में रात गुजारने को विवश रहने वाला यह प्रगतिशील किसान खेती के बल पर अपनी इमारत बना ली है. अब खेती से हो रही आय के बल पर वह अपने बेटों को इंजीनियर और डॉक्टर बनाना चाहते हैं.नौ एकड़ में सब्जी की खेती दयानंद के पास अपनी जमीन सिर्फ दो एकड़ ही है. छह वर्ष पूर्व उसने उतनी ही जमीन में सब्जी की खेती शुरू की. बाद में सात एकड़ जमीन लीज पर भी ले ली. आज वह कुल नौ एकड़ जमीन में सब्जी की खेती करता है. सब्जी में गोभी और केले की खेती बड़े पैमाने पर करता है. साथ में आलू, टमाटर, भिंडी, प्याज, लहसुन, धनिया, कद्दु आदि सब्जी की भी खेती करता है. इलाके में सब्जी की सप्लाइ करता. क्षेत्र के व्यापारी प्रतिदिन आकर उसके यहां से सब्जी ले जाते हैं. प्रतिदिन वहां सब्जी व्यवसायियों का जमावड़ा लगा रहता है. दयानंद के सब्जी कारोबार की पूरे इलाके में चर्चा है.कृषि विभाग भी देता है अनुदानइस प्रगतिशील किसान की खेती के प्रति रुचि से प्रभावित होकर कृषि विभाग द्वारा सब्जी की खेती के लिए उसे अनुदान एवं संसाधन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. दयानंद बताते हैं कि कृषि विशेषज्ञ सुनील कुमार सिंह की मदद से सब्जी की खेती में चारचांद लगा गया है. प्रतिवर्ष होनेवाली आय भी अब बढ़ने लगी है. कृषि विभाग द्वारा मिला है सम्मानसराहनीय सब्जी की खेती के लिए दयानंद को कृषि विभाग द्वारा कई बार सम्मानित भी किया गया है. उसके द्वारा उगायी गयी सब्जियों को कृषि मेले में प्रदर्शित भी किया जाता है. कृषि विभाग सब्जी की खेती के नये प्रयोग के लिए दयानंद का चुनाव दिया है. इस कार्य के लिए विभाग द्वारा उसे प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

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