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30 हजार हेक्टेयर में गेहूं आच्छादन का है लक्ष्य

जहानाबाद (नगर) : जिले में रबी फसल की बोआई का कार्य शुरू हो गया है. कृषि विभाग द्वारा रबी फसल के लिए अाच्छादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया जा चुका है. लेकिन सिंचाई के अभाव में किसान रबी फसल लगाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं. किसानों को गेहूं के बीज पर 10 रुपये प्रति […]

जहानाबाद (नगर) : जिले में रबी फसल की बोआई का कार्य शुरू हो गया है. कृषि विभाग द्वारा रबी फसल के लिए अाच्छादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया जा चुका है. लेकिन सिंचाई के अभाव में किसान रबी फसल लगाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं. किसानों को गेहूं के बीज पर 10 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी तो दी जा रही है लेकिन उनके बीच डीजल अनुदान का वितरण नहीं किये जाने से सिंचाई में परेशानी हो रही है.

कृषि विभाग द्वारा जिले में रबी फसल के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसके तहत 30 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल, एक हजार हेक्टेयर में मक्का, 73 सौ हेक्टेयर में मसूर, 24 सौ हेक्टेयर में चना, 6 सौ हेक्टेयर में राई तथा 1262 हेक्टेयर में तीसी की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

वहीं जीरो टिलेज के तहत 1813 एकड़ में गेहूं की फसल, 387 एकड़ में मसूर तथा 152 एकड़ में चना की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित है. जिले में अब तक निर्धारित लक्ष्य का 20 प्रतिशत भू-भाग में गेहूं की फसल लगायी जा चुकी है. जबकि पांच हजार हेक्टेयर में मसूर की फसल लगायी गयी है. गेहूं के बीज पर दी जा रही सब्सिडी : कृषि विभाग द्वारा किसानों को गेहूं के बीज पर प्रति किलो 10 रुपये की दर से सब्सिडी दी जा रही है.

जिले में 1378 क्विंटल गेहूं के बीज उपलब्ध हैं लेकिन इस बीज को लेने में किसान अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. हालांकि जिले के सभी प्रखंडों में गेहूं के बीज उपलब्ध हैं. अभी किसान विभाग द्वारा मिलने वाले बीज को लेने में अपनी पूरी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. लेकिन विभाग किसानों के बीच बीज -वितरण कि लिए पूरी तरह तैयार है. सिंचाई की नहीं है व्यवस्था :जिले में सिंंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गेहूं की फसल पटवन करने के बाद ही लगाया जाता है. लेकिन पटवन की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को डीजल पंप सेट के सहारे अपनी खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. हालांकि कृषि विभाग द्वारा अब तक किसानों के बीच डीजल अनुदान का वितरण नहीं किया गया है. सरकार द्वारा गेहूं फसल के लिए तीन बार तथा अन्य रबी फसल के लिए दो बार तीन सौ रुपये प्रति सिंचाई ,प्रति एकड़ की दर से डीजल अनुदान का वितरण किया जाना है.

हालांकि जिले में अभी रबी फसल के लिए डीजल अनुदान का वितरण नहीं किया गया है. 252 नलकूप हैं बंद :जिले में पटवन के लिए 308 सरकारी नलकूप लगाये गये हैं लेकिन इसमें 252 नलकूप बंद पड़े हैं. ऐसी स्थिति में खेतों की सिंचाई कैसे होगी यह भगवान भरोसे है. जिले में 171 राजकीय नलकूपों में से 140 नलकूप बंद पड़े हैं.

किसान डीजल पंप सेट के सहारे ही खेतों की सिंचाई करने में जुटे हैं. जिले के घोसी व हुलासगंज प्रखंड में एक-एक नलकूप हैं जो बंद हैं. वहीं मोदनगंज प्रखंड में तीन नलकूप हैं जो बंद पड़े हैं. जहानाबाद प्रखंड में 70 में से 7, काको प्रखंड में 23 में से 3 , मखदुमपुर प्रखंड में 73 में से 23 नलकूप ही चालू हैं.

जबकि रतनी फरीदपुर प्रखंड में एक भी राजकीय नलकूप नहीं है. नाबार्ड फेज 11 में 99 नलकूप हैं जिसमें 25 चालू हैं. फेज आठ में 37 नलकूप हैं सभी बंद है .

जबकि फेज तीन में एक नलकूप हैं वह भी बंद है. क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी : किसान पटवन कर ही गेहूं की फसल लगाएं . बीज टीकाकरण करके ही बीज लगाएं. जीरो टिलेज से गेहूं लगाने में सस्ता होगा और उपज भी अधिक होगी. किसान भाई 20 दिसंबर तक गेहूं की फसल वश्य लगा लें. : शंकर कुमार झा .

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