कुएं से जब्त दवाइयां जहानाबाद की नहीं
जांच के बाद प्रभारी सिविल सर्जन ने स्थिति को किया स्पष्ट दूसरे जिले से लाकर सिकरिया के समीप फेंक दी गयी थीं जीवन रक्षक दवाएं जहानाबाद : सदर प्रखंड सिकरिया गांव के समीप एक कुएं से जब्त की गयी जीवनरक्षक दवाइयां जहानाबाद सदर अस्पताल की नहीं थी, बल्कि किसी दूसरे जिले से लाकर दवाईयों को […]
जांच के बाद प्रभारी सिविल सर्जन ने स्थिति को किया स्पष्ट
दूसरे जिले से लाकर सिकरिया के समीप फेंक दी गयी थीं जीवन रक्षक दवाएं
जहानाबाद : सदर प्रखंड सिकरिया गांव के समीप एक कुएं से जब्त की गयी जीवनरक्षक दवाइयां जहानाबाद सदर अस्पताल की नहीं थी, बल्कि किसी दूसरे जिले से लाकर दवाईयों को यहां कुएं में फेंक दिया गया था. इस मामले का खुलासा किया सदर अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ ध्रुव प्रसाद ने.
बता दें कि कुछ दिनों पूर्व सिकरिया गांव के समीप पानी से भरे एक कुएं में दवाइयां फेंकी रहने का हल्ला हुआ था. सूचना पाकर बीडीओ नौशाद आलम सिद्धिकी की मौजूदगी में 20 प्रकार की कीमती दवाएं कुएं से निकाली गयी थी. सीजर लिस्ट बनाकर इस मामले में कड़ौना ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
दवाइयों की सूची उपलब्ध कराते हुए सदर अस्पताल प्रशासन को मिलान करने का निर्देश दिया गया था. बिहार सरकार द्वारा आपूर्ति की गयी दवा जहानाबाद अस्पताल को मिली या नहीं. यदि मिली तो जिले के किस रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दिया गया था, इन बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया गया था.
एसीएमओ ने जांच प्रक्रिया पूरी कर बताया की कुएं से जब्त बेटामाइसिन मलहम, एनआरआइ टैबलेट, जीकोल्ड सीरप सहित एमीकामैक,जिप्लेक्स वगैरह दवाईयां जहानाबाद जिले की नहीं है. इससे जाहिर है कि किसी दूसरे जिले से लाखों रुपये मूल्य की जीवनरक्षक दवाइयां यहां लायी गयी और सुनसान स्थान में स्थित कुएं में लाकर फेंक दिया गया था.
दवा फेंकने में एक एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया गया था इसका खुलासा किया था एक छात्र ने जो सिकरिया स्थित विद्यालय में परीक्षा देने जा रहा था और उसी दौरान एम्बुलेंस से दवा उतारकर कुएं में फेंकते हुए देखा था.