अस्पतालों में दवाओं का टोटा, मरीजों को परेशानी

अरवल, ग्रामीण : जिले के अस्पतालों में दवा की घोर कमी है. दवा की कमी से मरीजों को अस्पताल से बाहर बाजारों से दवाओं की खरीद करनी पड़ रही है. ऐसे तो सरकारी अस्पताल में रोगी नि:शुल्क जांच एवं नि:शुल्क दवा के उद्देश्य से पहुंचते हैं. परंतु सरकारी अस्पताल में अब रोगी का इलाज महंगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2016 4:39 AM

अरवल, ग्रामीण : जिले के अस्पतालों में दवा की घोर कमी है. दवा की कमी से मरीजों को अस्पताल से बाहर बाजारों से दवाओं की खरीद करनी पड़ रही है. ऐसे तो सरकारी अस्पताल में रोगी नि:शुल्क जांच एवं नि:शुल्क दवा के उद्देश्य से पहुंचते हैं. परंतु सरकारी अस्पताल में अब रोगी का इलाज महंगा हो गया है.

सदर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आउटडोर के लिए 33 प्रकार की दवा मरीजों को देना है. लेकिन वर्तमान में सदर अस्पताल में आउटडोर के लिए एसीक्लोफेनिक 100 टैबलेट, सीट्रीजीन 10एमजी, मेटानिकाजोल 400एमजी आयरन फोलिक एसिड, रेनिटीडीन हाइट्रोक्लोराइड 125 एमजी सहित 28 जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध नहीं है. इंडोर में 90 प्रकार की दवाओं में ग्यारह प्रकार की दवाएं मात्र उपलब्ध हैं.

सीएस नंदेश्वर प्रसाद ने बताया कि लगभग एक वर्ष से सरकार दवा की आपूर्ति बंद किये हुए है. 15 हजार से एक लाख की आवश्यक दवा की खरीद क्रय समिति द्वारा स्थानीय बाजार से की जाती है. उन्होंने स्वीकार किया कि दवा की कमी के कारण रोगी को बाजार से दवा की खरीद करनी पड़ती है.

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