102 एंबुलेंस चालकों की हड़ताल शुरू, मरीज बेहाल
निजी एंबुलेंस चालकों की कटी चांदी ,वसूला मनमाना किराया जहानाबाद नगर. बिहार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अधीन संचालित बिहार राज्य आपातकालिन 102 एंबुलेंस चालकों एवं टेक्निशियन की हड़ताल शुरू हो गयी . चालकों की हड़ताल आरंभ होने से एंबुलेंस का परिचालन ठप हो गया . एंबुलेंस का परिचालन नहीं होने से मरीजों की […]
निजी एंबुलेंस चालकों की कटी चांदी ,वसूला मनमाना किराया
जहानाबाद नगर. बिहार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अधीन संचालित बिहार राज्य आपातकालिन 102 एंबुलेंस चालकों एवं टेक्निशियन की हड़ताल शुरू हो गयी . चालकों की हड़ताल आरंभ होने से एंबुलेंस का परिचालन ठप हो गया . एंबुलेंस का परिचालन नहीं होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गयी . सबसे अधिक परेशानी गंभीर मरीज के परिजनों को उठाना पड़ा .
वे एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल सेंटर में फोन लगाते रहे लेकिन उन्हे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला . आखिरकार उन्हें निजी एंबुलेंस का सहारा लेकर बड़े अस्पताल में जाना पड़ा . 102 एंबुलेंस एवं टेक्निशियन पिछले पांच माह के बकाया भुगतान , रोजगार की गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चिकालिन हड़ताल पर चले गये . हड़ताली चालक एवं टेक्निशियन द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया तथा अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा .
जिले में दस 102 एंबुलेंस का होता है परिचालन :
जिले के विभिन्न अस्पतालों दस 102 एंबुलेंस का परिचालन होता है . 102 एंबुलेंस ही गरीबों तथा बेसहारा मरीजों का सहारा होता है जो नि:शुल्क मरीज को अस्पताल पहुंचाता है . जिले के सदर अस्पताल में 2 के अलावा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा रेफरल अस्पताल में एक -एक 102 एंबुलेंस है . इन एंबुलेंसों का परिचालन बंद होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है . अस्पताल में उन्हें अन्य किसी एंबुलेंस का सहारा नहीं मिल रहा है .
कहने को तो अस्पताल में 108एंबुलेंस तथा 1099एंबुलेंस भी मरीजों के लिए उपलब्ध रहता है लेकिन इसका लाभ आम मरीज को नहीं मिल पाता है, क्योकि इसके लिए बिल का भुगतान करना पड़ता है . हालांकि 108 एंबुलेंस का परिचालन पूर्व से ही बंद है . वहीं आईएपी के तहत अस्पताल को उपलब्ध कराये गये दो एम्बुलेंस के परिचालन के लिए राशि नही रहने के कारण इनका परिचालन बंद है . सिर्फ 1099 एंबुलेंस ही मरीजों के लिए उपलब्ध है लेकिन यह लाइफ सेविंग होने के कारण सभी मरीज को इसका लाभ नही मिल पाता है .