भगवान की शरण में जाने से ही मिलता है मोक्ष : वेदांती जी
नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण दिव्य कथा का आयोजन जहानाबाद (नगर) : भक्त भगवान के अतिप्रिय होते हैं. भगवान की शरण में जाने से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है . मानव जीवन का उद्देश्य भी यही है. उक्त बातें कथा वाचक स्वामी रामायणाचार्य जी महाराज ने कहीं. अयोध्या से पधारे स्वामी जी महाराज ने कहा […]
नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण दिव्य कथा का आयोजन
जहानाबाद (नगर) : भक्त भगवान के अतिप्रिय होते हैं. भगवान की शरण में जाने से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है . मानव जीवन का उद्देश्य भी यही है. उक्त बातें कथा वाचक स्वामी रामायणाचार्य जी महाराज ने कहीं. अयोध्या से पधारे स्वामी जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन को ऐसा बना लें कि मरते समय योग से, धर्म से भगवान का सामना हो जाये .
भगवान के शरण में जानेवालों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. काको रोड़ स्थित पुरानी बस पड़ाव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमदभागवत महापुराण दिव्य कथा का वाचन करते हुए स्वामी जी ने बताया कि राजा परिक्षित द्वारा भगवान सुखदेव से यह प्रश्न किया गया था कि मरणासन्न व्यक्ति को कैसे मोक्ष की प्राप्ति होगी. इस पर भगवान सुखदेव ने बताया था कि मरणासन्न व्यक्ति अंतिम समय में दिव्य तीर्थ स्थान या वन में चला जायें .
एकांत स्थान में भगवान का ध्यान कर अपना प्राण त्याग दें ऐसे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. स्वामी वेदांती जी ने प्रवचन के दौरान कहा कि आज के भौतिक युग में लोग सुख-सुविधाओं के पीछे भाग रहे हैं. वे ईश्वर को भूलते जा रहे हैं. यही कारण है कि सामाजिक पतन के साथ ही अन्य तरह की विपदाएं आज आम हो गयी हैं.
ऐसे समय में भक्तों को भगवान पर आस्था और विश्वास रखते हुए उनका स्मरण करना चाहिए . ईश्वर के भक्ति में जो सुख की प्राप्ति होती है वह भौतिक सुख -सुविधाओं से कहीं अधिक बढ़ कर होता है. श्रीमदभागवत महापुराण दिव्य कथा का आयोजन में मृत्युंजय कुमार के साथ ही मुहल्लेंवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है .