खरीदारी की होड़ . कानून लागू होने के एक दिन पूर्व शराब के शौकीनों में मची अफरातफरी
ब्लैक में बिकी देसी-विदेशी शराब अंगरेजी शराब लगभग खत्म, कई दुकानों में लटके रहे ताले, देर रात बचे हुए देसी शराब को किया जायेगा नष्ट गुरुवार को दोपहर से ही आदतन अंगरेजी, देसी और मसालेदार शराब पीने वालों में खरीदारी करने की होड़ मची रही.ऐसा लग रहा था मानों आगे के दिनों में उन्हें शराब […]
ब्लैक में बिकी देसी-विदेशी शराब
अंगरेजी शराब लगभग खत्म, कई दुकानों में लटके रहे ताले, देर रात बचे हुए देसी शराब को किया जायेगा नष्ट
गुरुवार को दोपहर से ही आदतन अंगरेजी, देसी और मसालेदार शराब पीने वालों में खरीदारी करने की होड़ मची रही.ऐसा लग रहा था मानों आगे के दिनों में उन्हें शराब मिलेगी ही नहीं. लोग दारू की खरीदारी करने में जुटे थे.
जहानाबाद : कल क्या होगा किसको पता, अभी जिंदगी का ले लो मजा. ये अल्फाज निकल रहे थे शराब पीने के शौकीनों की जुबां से. गुरुवार को दोपहर से ही आदतन अंगरेजी, देसी और मसालेदार शराब पीने वालों में खरीदारी करने की होड़ मची रही.ऐसा लग रहा था मानों आगे के दिनों में उन्हें शराब मिलेगी ही नहीं. कुछ इसी तरह की बात सोचते हुए बड़ी संख्या मे लोग दारू की खरीदारी करने में जूटे थे. जिस तरह होली पर्व के उपलक्ष्य में लोग एक दो दिन पूर्व से ही शराब की खरीदारी करते हैं. कुछ उसी तरह का दृश्य देखने को मिल रहा था.
कई पिअक्कड़ों ने की जमाखोरी:
प्रतिदिन देसी दारू पीनेवालों के बीच शराब खरीदकर अपने पास जमा करने की प्रवृति देखी गयी. शाम तीन से पांच बजे के बीच खासकर मध्यमवर्गीय और गरीब परिवार के लोगों को झोले में देसी दारू खरीदकर ले जाते देखा गया. पूछने पर बताया गया कि एक अप्रैल से देसी नहीं मिलेगी इसलिए कुछ दिनों का कोटा जमा कर रहे हैं बाद में देखा जायेगा.
उंचे दामों पर बिकी शराब: गुरुवार को कई लोगों ने शराब के जरिये कमाई का जरिया ढूंढ़ निकाला. लाइसेंसी दुकान से दो-तीन दिन पहले से ही खरीदकर रखे गये अंगरेजी शराब की गुरुवार को कालाबाजारी की गयी. शराब के जमाखोरों के चेले दुकान के आस-पास मंडराते रहे. जब दुकान में उनके मनमाफिक शराब नहीं मिले तो ग्राहक की उत्सुकता देख कालाबाजारी के लिए उससे संपर्क करते थे.
और उंचे दाम लेकर मनमाफिक ब्रांड की शराब की बोतलें उपलब्ध कराते रहे. शराब दुकानों के समीप की गलियों में चलंत कारोबार के इस क्षणिक धंधे को कुछ लोगों ने जमकर भुनाया. खबर के अनुसार 130 रुपये में बिकनेवाली शराब 170 रुपये की दर से मुनाफाखोरों ने बिक्री की. 600 रुपये बोतल की शराब 800 रुपये में बेची गयी. कुछ ऐसी ही स्थिति देसी शराब की थी.
शराब बंदी को ले निकला जुलूस :
मखदुमपुर . जीविका द्वारा शराबबंदी को लेकर लोगों को जागृत करने के उद्देश्य से जुलूस निकाला गया. जुलूस कंचनामा, राजाबिगहा, अमरा समेत अन्य दर्जनोंभर गांवों में गया. जुलूस में जीविका की प्रियदर्शनी, इंदू देवी, मंजू कुमारी, चिंटू वर्मा शामिल थे.
शराबबंदी को लेकर लोगों में उत्साह : वंशी (अरवल). युवाओं ने सरकार के शराबबंदी का जोरदार समर्थन किया है. शुक्रवार को युवाओं की टोली ने शराब नहीं पीने के लिए लोगों को जागरूक भी किया.
कई दुकानों के शटर डाउन
गुरुवार को शहर के कई विदेशी शराब दुकानों के शटर डाउन थे. वहां ताला लटका हुआ था. पता चला कि दुकान में शराब नहीं है. यह स्थिति देखी गयी शहर के अरवल मोड़ पर .वहां तीन में से दो दुकानें बंद थी. एक दुकान में अत्यंत कम मात्रा में शराब की बोतलें पड़ी थी जिसे खरीदने के लिए लोग जमे थे. अस्पताल मोड़ की एकमात्र दुकान दोपहर 12 बजे से ही बंद देखी गयी. उंटा सब्जी मंडी में संचालित लाइसेंसी दुकान भी बंद था. स्टेशन के समीप की दो विदेशी शराब दुकानें तो खुली थी लेकिन वहां दुकान लगभग खाली पड़ा था.
शराब की 20-25 बोतलें थी जिसे खरीदने की आपाधापी मची थी. इन सबों से इतर जहानाबाद-काको रोड में नदियावां गांव के समीप संचालित शराब की कंपोजिट दुकान में मेला सा दृश्य लगा था.
शाम 6 बजे अंगरेजी और देशी शराब खरीदनेवालों का बड़ा हुजुम जूटा था. उस वक्त दुकान में एक ब्रांड की मात्र 6 बोतलें पड़ी थी,और खरीदारों की संख्या तकरीबन एक सौ थी. वहां पर देखते ही देखते दुकान से शराब की सभी बोतलें खत्म हो गयी. दुकानदार भीड़ को यह कहकर शांत करा रहे थे कि अब किसी भी ब्रांड का विदेशी शराब नहीं है. देसी दारू खरीदकर रखे कई लोग बाहर में सड़क किनारे ही पी रहे थे. लोग कह रहे थे आज यहां मजा ले लेते हैं. कल से देखा जायेगा. शराब खरीदने के लिए जहानाबाद शहर में जाना पड़ेगा वहां भी देसी नहीं मिलेगी.
रात 10 बजे के बाद स्टॉक का सत्यापन
एक अप्रैल से शुरू नयी उत्पाद नीति के मद्देनजर 31 मार्च की रात 10 बजे के बाद से जिले के सभी देसी-विदेशी और कंपोजिट शराब की लाइसेंसी दुकानों के स्कंध (स्टॉक) का सत्यापन होगा इसके लिए उत्पाद अधीक्षक, दो उत्पाद अवर निरीक्षकों की तीन अलग-अलग टीमें गठित की गयी है.
तीनों टीमों को अलग-अलग प्रखंड क्षेत्रों में संचालित दुकानों के लिए स्टॉक सत्यापन के लिए अधिकृत किया गया है. उनके साथ जिले के सभी सात सीओ को बतौर मजिस्ट्रेट के रूप मे प्रतिनियुक्त किया गया है. सभी सीओ, थानाध्यक्ष के साथ अपने-अपने अंचल क्षेत्र के शराब दुकानों में गठित टीम के साथ जायेगें .स्टॉक सत्यापन किया जायेगा. रात 10 बजे के बाद सत्यापन होने के पश्चात बची हुई देसी शराब को नष्ट कर दिया जायेगा.