आस्था . आज उदीयमान सूर्य को अर्घ के साथ चार दिवसीय चैती छठ का होगा समापन

व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ जहानाबाद (नगर) : काच ही बांस के बहंगिया… छठ गीत के साथ छठव्रतियों की टोली भगवान भास्कर को अर्घ देने के लिए घरों से निकली. मंगलवार की दोपहर बाद ही अर्घ देने की तैयारी शुरू हो गयी थी. दउरा सजाने का कार्य दोपहर में ही शुरू हो गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2016 4:23 AM

व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ

जहानाबाद (नगर) : काच ही बांस के बहंगिया… छठ गीत के साथ छठव्रतियों की टोली भगवान भास्कर को अर्घ देने के लिए घरों से निकली. मंगलवार की दोपहर बाद ही अर्घ देने की तैयारी शुरू हो गयी थी. दउरा सजाने का कार्य दोपहर में ही शुरू हो गया था. शाम ढलने से पूर्व ही छठव्रतियों की टोली छठ गीत गाती हुए छठ घाटों के लिए निकल पड़ी.
काच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाये… गीत गाती हुई महिलाओं की टोली निकली. आगे-आगे घर के पुरुष सदस्य अपने माथे पर दउरा रखे घाट के लिए रवाना हुए, वहीं पीछे-पीछे छठव्रतियों की टोली छठ गीतों के साथ छठ घाट के लिए रवाना हुई. जिला मुख्यालय के दरधा यमुना के संगम तट पर आस्था का जमघट उमड़ पड़ा. यहां शहरी छठव्रती के अलावा ग्रामीण इलाकों से भी काफी संख्या में छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ देने पहुंचे थे.
कई छठव्रतियों ने तो नहाय-खाय के दिन से ही यहां डेरा जमा रखा था. छठव्रतियों ने संगम घाट पर डुबकी लगाने के उपरांत ठेकुआ तथा फलों से सजे सूप से भगवान भास्कर को अर्घ दिया.
संगम घाट पर लगा आस्था का जमघट : यूं तो शहरी क्षेत्र में श्याम नगर, सोईया घाट, अलगना घाट, देवरिया घाट सहित अन्य कई स्थानों पर भी छठव्रतियों की भीड़ लगती है,
लेकिन संगम घाट पर आस्था का समंदर उमड़ पड़ता है यहां हजारों की तादाद में छठव्रती पहुचते हैं. जिला प्रशासन द्वारा भी छठव्रतियों की सुविधा के लिए खास इंतजाम किये गये थे. संगम घाट में स्वच्छ जल मोटर पंपसेट के सहारे भरा गया था. वहीं, छठव्रतियों के स्नान के लिए कई स्थानों पर नल लगाये गये थे, ताकि छठव्रतियों को परेशानी न हो. मंगलवार की शाम छठव्रतियों द्वारा अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया गया.
सुरक्षा का था पुख्ता इंतजाम : जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था. संगम घाट समेत अन्य सभी प्रमुख स्थानों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. छठव्रतियों के आने-जाने में परेशानी न हो इसे देखते हुए सभी प्रमुख रास्तों में रोशनी की व्यवस्था की गयी थी. संगम घाट के आस-पास पुलिस बल के जवान पर्याप्त संख्या में तैनात थे, ताकि कहीं पर भी किसी प्रकार की अनहोनी न हो.
स्वयंसेवी संगठनों ने की थी रास्तों की साफ-सफाई : छठ पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा तो छठव्रतियों के लिए सुविधाओं का ख्याल रखा ही गया था. स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी छठव्रतियों की सुविधा के लिए काम किया गया. कई स्वयंसेवी संगठन तथा स्थानीय लोगों द्वारा रास्तों की साफ-सफाई की गयी. वहीं, दोपहर बाद विभिन्न रास्तों पर पानी का छिड़काव किया गया. कुछ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा छठव्रतियों के बीच फलों का भी वितरण किया गया.
घर की छतों पर भी दिया अर्घ : कई छठव्रतियों द्वारा अपने घरों की छतों पर भी अर्घ दिया गया. अर्घ देने के लिए छतों पर गड्ढा बनाया गया था. इस गड्ढे में पानी भरा गया था. उसी पानी में खड़े होकर छठव्रती द्वारा भगवान भास्कर को अर्घ दिया गया. वहीं, जिले के दक्षिणी, काको, मखदुमपुर, घोसी, मोदनगंज, हुलासगंज आदि छठ घाटों पर भी छठव्रतियों की भीड़ लगी रही.
छठव्रतियों ने दिया अर्घ : मखदुमपुर. चार दिनों तक चलनेवाली आस्था के महापर्व के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया.
प्रखंड क्षेत्र के मखदुमपुर बाजार स्थित यमुना नदी घाट पलैया तालाब पर धराउत, चांढ, सरेन, इक्किल, रामपुर तथा कलानौर में छठव्रतियों ने भगवान सूर्य का अर्घ दिया. इधर, करपी (अरवल). सूर्योपासना का महापर्व चैती छठपूजा को लेकरव्रतियों ने मंगलवार को डूबते सूर्य को अर्घ दे सुख-शांति की कामना की.
करपी एवं वंशी प्रखंडों के कुसरे, मठिया, बडहियाबाग, शेरपुर, सोनभद्र, वंशी समेत अन्य स्थानों पर स्थित तालाबों में स्नान कर छठव्रतियों ने भगवान भास्कर सूर्य की आराधना की.

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