घंटों मशक्कत के बाद एक बाल्टी पानी का होता है जुगाड़

जहानाबाद नगर : गरमी शुरू होते ही जिले के कई इलाके में पेयजल संकट गहराने लगा है. अप्रैल माह में ही पारा 42 डिग्री पार होने के कारण भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके कारण चापाकल पानी देना बंद करने लगा है. इस भीषण गरमी में ग्रामीण इलाके की बात तो दूर शहरी क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2016 5:26 AM

जहानाबाद नगर : गरमी शुरू होते ही जिले के कई इलाके में पेयजल संकट गहराने लगा है. अप्रैल माह में ही पारा 42 डिग्री पार होने के कारण भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके कारण चापाकल पानी देना बंद करने लगा है. इस भीषण गरमी में ग्रामीण इलाके की बात तो दूर शहरी क्षेत्र के कई मोहल्लों में पानी की किल्लत होने लगी है. घरों में लगा मोटर पानी देना बंद कर दिया है. वहीं चापाकल से पानी काफी प्रयास के बाद निकल रहा है.

ग्रामीण इलाकों का हाल तो और भी खराब है. जिले के काको प्रखंड के आधे दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा है. पानी की कमी से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. इन गांवों में सुबह होते ही सरकारी चापाकलों पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं बरतन लिए इकठ्ठा हो जाती हैं. यहां घटों मशक्कत के बाद बाल्टी भर पानी का जुगाड़ हो पाता है.

यही पानी पीने के काम आता है. शनिवार को काको प्रखंड के मनियावां पंचायत अंतर्गत काजी दौलतपुर गांव में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. गांव में यूं तो 10 सरकारी चापाकल लगा है लेकिन गरमी आरंभ होते ही इसमें से अधिकांश चापाकल सुख गया है. सिर्फ दो चापाकल चालू है वह भी 20-25 हैंडल मारने के बाद ही पानी देना शुरू करता है. इन चापाकलों पर सुबह होते ही ग्रामीण महिलाओं की भीड़ लग जाती है. पानी के लिए यहां कई बार तु-तु मैं-मैं भी हो चुकी है.

गांव में लगा ट्यूबवेल बंद पड़ा है. गांव में अगर कोई फिटर चलाता है तो चापाकल पानी नहीं दे पाता है. गांव की महिलाएं पानी के लिए घंटों मशक्कत करती रहती हैं. उनका कहना है कि गरमी की शुरुआत में ही जब यह हाल है तो आगे क्या होगा. काजीदौलतपुर गांव में विभिन्न समुदायों के करीब 200 से अधिक घर है इनके लिए पानी का जुगाड़ सिर्फ दो चापाकल से ही हो पाता है.

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