पारा 43 के पार, स्कूल 11.30 बजे तक

गरमी का कहर. तपिश से सूख रहे हलक, बिजली की कटौती ने बढ़ायी परेशानी सूरज की तपिश काफी बढ़ गयी है़ तापमान लगातर ऊपर की ओर खिसक रहा है. शहर समेत ग्रामीण सड़कों पर दस बजते ही सन्नाटा पसर जाता है. ऐसे में तापमान 43 डिग्री पार गया है. जहानाबाद (नगर) : तेज धूप और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2016 12:30 AM

गरमी का कहर. तपिश से सूख रहे हलक, बिजली की कटौती ने बढ़ायी परेशानी

सूरज की तपिश काफी बढ़ गयी है़ तापमान लगातर ऊपर की ओर खिसक रहा है. शहर समेत ग्रामीण सड़कों पर दस बजते ही सन्नाटा पसर जाता है. ऐसे में तापमान 43 डिग्री पार गया है.
जहानाबाद (नगर) : तेज धूप और गरम हवाओं ने बुधवार को कहर बरपाया. गरम हवा से इनसान से लेकर जीव-जंतु तक परेशान हैं. प्यासे पक्षी पानी के लिए तड़प रहे हैं. बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस रहा. दिन भर सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा. स्कूली बच्चे दोपहर में झुलसते हुए घर पहुंचे. एसडीओ डाॅ नवल किशोर चौधरी ने प्रचंड गरमी के मद्देनजर जहानाबाद अनुमंडल क्षेत्र के सभी विद्यालयों के शैक्षणिक कार्य तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए प्रात: 6.30 बजे से अपराह्न 11.30 बजे तक निर्धारित किया है.
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी को अपने स्तर से सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है. बच्चों को विद्यालय आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
घरों से निकना हुआ मुश्किल : तापमान 43 डिग्री पहुंच जाने से लोगों की बेचैनी काफी बढ़ गयी है. इस परिस्थिति में लोगों को कड़ी धूप में निकलने से परहेज करना चाहिए. अगर निकलना भी हो तो खाली पेट घर से न निकलें. निकलने से पहले हल्का भोजन व भरपेट पानी अवश्य पी लें. बढ़ रही गरमी के मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
पेट की खराबी और अधिक तैलीय व मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पाचन-क्रिया प्रभावित होती है. इससे अनेक बीमारियां हो सकती है. वहीं दोपहर के समय सूरज के तीखे रवैये के कारण लोगों का घरों से निकलना काफी मुश्किल हो गया है. बढ़ती तपिश को देखते हुए हर कोई अपना काम समय रहते निबटा कर वापसी की जल्दी में दिखने लगे हैं.
रविवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. ऐसे में उमस और पसीने से तर-बतर लोग गरमी से निजात पाने की जुगत जुटा रहे. शहर की मुख्य सड़क एनएच 83 के अलावा संपर्क पथों पर दोपहर बाद आम दिनों के मुकाबले कम भीड़-भाड़ नजर आयी. छोटी-बड़ी वाहन भी कम संख्या में चल रहे थे. कोचिंग संस्थानों और स्कूल-कॉलेजों से घर की और जानेवाले अधिकतर छात्र धूप से बचने के लिए सिर-मुंह आदि ढक कर आवाजाही कर रहे थे.
छाते और गमछे की बिक्री में तेजी : कड़ी धूप से बचने के लिए छाते और गमछे की खरीदारी में भी तेजी आयी है. बाजार में ऐसे दुकानों पर लगातार खरीदारों का दबाव बढ़ रहा है. दुकानदारों की मानें तो बीते कुछ दिनों में इसकी बिक्री में बीस फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गयी है. ग्रामीण इलाके से रोज शहर आनेवाले लोग गरमी से बचने के लिए दुकानों आदि में बैठ कर अपना समय काट रहे हैं.
मुरझा रहे स्कूली बच्चों के चेहरे :
लगातार बढ़ रही गरमी ने स्कूली बच्चों को खासा परेशान कर दिया है. ऐन दोपहर में स्कूलों से छुट्टी होने पर सुरक्षित घर वापसी उनके लिए परेशानियों का सबब बन गया है. स्कूली वाहनों के अलावा पैदल स्कूल आने-जाने वाले छोटे-बच्चों की तकलीफ का आलम यह है कि कड़ी धूप के कारण उनका चेहरा मुरझा रहा है. हालांकि सभी विद्यालयों के समय में बदलाव किया गया है. परंतु दोपहर में लौटना उनके लिए काफी कष्टप्रद होता है.
खाने-पीने का रखें ध्यान : गरमी के मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. पेट की खराबी और अधिक तैलीय व मसालेदार खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से पाचन-क्रिया प्रभावित होती है. इससे अनेक बीमारियां हो सकती है. किसी भी तरह की अपच, अजीर्णता, पित की अधिकता, पेट दर्द, गैस में जलजीरा लाभकारी होता है. गरमी में विटामिन ए युक्त पदार्थ जैसे काला अंगूर, हरे पत्ते वाली शाक-सब्जी, विटामिन सी से युक्त रसीले फल जैसे आम,और नींबू-पानी लें.गरमी में अधिक शुष्कता के कारण शरीर में जल की मात्रा कम हो जाती है. इसकी पूर्ति के लिए बार-बार जल और जलीय पदार्थोंं का सेवन करें. धनिया को पानी में भिंगो लें, फिर उसे अच्छी तरह मसल लें और छान कर उसमें थोड़ी सी शक्कर मिला लें. इसे पीने से राहत मिलती है.
दही, मौसमी ताजे फल जैसे संतरा, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अंगूर का जूस ज्यादा से ज्यादा पीएं, ये हेल्दी होने के साथ-साथ शरीर को अंदर से ठंडा रखने में सहायक होते हैं. गरमी के मौसम में जीरा, नमक डालकर छांछ पीना भी फायदेमंद होता है. बेल का शरबत गरमी के लिए बहुत उत्तम माना जाता है. गरमी में मोटापा घटाने में भी यह सहायक होता है.नारियल में प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं. गरमी में इसका सेवन सबसे अच्छा होता है.
नींबू की शिकंजी गरमी के लिए बहुत अच्छा पेय है. इसे घर में अासानी से तैयार किया जा सकता है.पुदीने में प्राकृतिक रूप से पिपरमिंट पाया जाता है. इसलिए गरमी में यह उपयोगी होता है. लू, बुखार, शरीर में जलन और गैस की तकलीफ को दूर करता है.
खाली पेट घर से बाहर निकलने से करें परहेज
शीतल पेय की डिमांड बढ़ी
शीतल पेय-पदार्थों की डिमांड बढ़ी-
गरमी के कहर से बचने के लिए सत्तु-लस्सी और जूस की दुकानों पर लोग जुटने लगे हैं. खासकर ठंडे पानी और शीतल पेय पदार्थों की डिमांड काफी बढ़ गयी है. बाजार में खीरा-ककड़ी के साथ ही तरबूज-खरबूज की बिक्री भी जोरों पर है. बड़ी संख्या में लोग लू-लहर से बचने के लिए सड़क किनारे लगाये गये अमझोरा के स्टॉलों पर भी नजर आ रहे हैं.

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