जगह-जगह जलजमाव, बढ़ी फजीहत
अधिकतर मुहल्लों में जमा है पानी बारिश के पानी से निचला इलाका जलमग्न, बीमारी की आशंका जहानाबाद : बारसात के साथ ही शहरवासियों के मुश्किलों की शुरुआत हो गयी है. वर्षा के इस मौसम में लगभग पूरे शहर में जलजमाव का नजारा आम है. हर इलाके में गंदे पानी से होकर आवाजाही की लाचारी बन […]
अधिकतर मुहल्लों में जमा है पानी
बारिश के पानी से निचला इलाका जलमग्न, बीमारी की आशंका
जहानाबाद : बारसात के साथ ही शहरवासियों के मुश्किलों की शुरुआत हो गयी है. वर्षा के इस मौसम में लगभग पूरे शहर में जलजमाव का नजारा आम है. हर इलाके में गंदे पानी से होकर आवाजाही की लाचारी बन गयी है.
राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. खासकर निचले इलाके बारिश के पानी के चलते घर-बाहर हर जगह जलमग्न दिख रहे हैं. अधिकतर मोहल्लों में संपर्क पथों पर घुटने भर पानी जमा है. नाले नालियां ओवर फ्लो होकर सरे राह बह रही है. शहर के राजाबाजार की हालत बड़ी नारकीय बन गयी है. रेलवे अंडरपास की मुसीबतों के अलावा यहां हर छोटे-बड़े इलाके में जलभराव से अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गयी है. विशेष कर बच्चे और बुजुर्गों को अधिक फजीहत उठानी पड़ रही है.
नहीं हुई नालियों की उड़ाही : प्राय: बरसात के पहले होने वाली नाले-नालियों की उड़ाही में भी इस बार नगर परिषद पिछड़ गयी है. अब तक शहर की अधिकतर नालियों की सफाई नहीं हो सकी है. ऐसे में भारी बारिश के कारण जाम हुई नालियों का पानी रास्ते पर बह रहा है. कोर्ट एरिया, गांधी मैदान, गडेरिया खंड, विशुनपुर मुहल्ला, मलहचक, टेनी बिगहा, नया टोला, उंटा स्कूल परिसर, निजामुद्दीनपुर, लोकनगर, बिजली कार्यालय परिसर, रेलवे परिसर, बत्तीस भंवरिया और राजाबाजार समेत कई वार्डों में नालियों की सफाई नहीं होने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गयी है. इन जगहों पर शहरवासी वार्ड पार्षदों को कोसकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.
सड़क किनारे के नाले बने मुसीबत के सबब : शहर में एनएच के किनारे दोनों तरफ नालियों के निर्माण के कारण भी जलजमाव की स्थिति है. कोर्ट एरिया से लेकर काको मोड़ तक कई जगहों पर जल्दबाजी और मनमाने तरीके से बनाये गये ऐसे नालों से पानी का बहाव तो दूर उल्टे इन नालों से पानी निकल कर एनएच के सड़क, मकान और दुकानों में घुस रहे हैं. सड़क पर पानी जमा रहने के कारण कुछेक जगहों पर तो घर से बाहर निकलना भी परेशानी उठाने जैसा हो गया है.
सता रहा संक्रामक बीमारी का डर : जगह-जगह गंदे पानी के जमे होने से शहरवासियों को संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त होने का डर भी सता रहा है. बरसात के मौसम में आम तौर पर बीमारियों के बढ़ जाने की संभावना को देखते हुए लोग दुर्गंध और कीचड़ युक्त माहौल में जीने में असहज महसूस कर रहे हैं. इन इलाके में रहने वाले लोगों की मानें तो अनियमित साफ-सफाई के कारण हर नुक्कड़ पर गंदगी का अंबार लगा है. ऐसे में बरसा के पानी से उनका जीना मुहाल हो गया है.
शहरवासियों की सुध नहीं ले रहा नियामक इकाई : शहर में लोगों को मूलभूत बुनियादी सुविधाएं जुटाने के लिए जवाबदेह नियामक इकाई नगर परिषद उनकी सुध लेने तक को तैयार नहीं है.
जलजमाव के लिए ऊंची-नीची सड़क को कारण बताते हुए ये इकाई अपनी जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ रही है. दिन में तो किसी तरह इन मुहल्लों से लोगों की आवाजाही हो जाती है लेकिन देर रात जोखिम उठाकर आने-जाने से खतरा बना रहता है. बरसात के इस मौसम में पानी में विषैले जीव-जंतु भी देखने को मिल जाते हैं.
बारिश से आवागमन में बढ़ी परेशानी : किंजर (अरवल). मॉनसून की झमाझम बारिश से जहां लोगों को गरमी से राहत मिली है वहीं किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. किसान धान का बिचड़ा खेत में डालने में जूट गये हैं. बारिश के कारण किंजर कुर्था मोड़ पर सड़क पर जल जमाव से लोगों को आवागमन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. लोग गंदे पानी में घुस कर सड़क पार कर रहे हैं. इससे स्थानीय दुकानदारों की भी परेशानी बढ़ी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
गंदे पानी के निकास की समस्या है. यहां जरूरत है सभी गली-नली का पक्कीकरण करने की. नाली पर ढक्कन लगाने की. शहर में घनी आबादी बसी है. नगर परिषद अपने पास उपलब्ध संसाधन और आवंटन से काम करा रही है. समुचित विकास के लिए राशि की आवश्यकता है.
संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नप जहानाबाद