तीन धराये, सरगना फरार
खुलासा. शहर के चर्चित मंटू मर्डर केस की गुत्थी सुलझी शहर के चर्चित मंटू हत्याकांड का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया. उसके दोस्तों ने ही पैसे की लालच में उसकी हत्या की. इस मामले में तीन की गिरफ्तारी हुई है, जबकि मास्टरमाइंड फरार है. पकड़े गये अपराधियों में एक नेपाल का रहनेवाला है. […]
खुलासा. शहर के चर्चित मंटू मर्डर केस की गुत्थी सुलझी
शहर के चर्चित मंटू हत्याकांड का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया. उसके दोस्तों ने ही पैसे की लालच में उसकी हत्या की. इस मामले में तीन की गिरफ्तारी हुई है, जबकि मास्टरमाइंड फरार है. पकड़े गये अपराधियों में एक नेपाल का रहनेवाला है. गैंग के सरगना ने मंटू के खाते में जमा मोटी रकम को हड़पने की नीयत से इस साजिश को अंजाम दिया.
जहानाबाद : शहर के चर्चित मंटू हत्याकांड का खुलासा हो गया है. पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए शहर के कुतबनचक मुहल्ला के निवासी राजा गोस्वामी, नेपाल के ताड़ी जिले के झुठपानी गांव का प्रिंस कुमार उर्फ नेपाली और टबेरा गाड़ी के ड्राइवर निजामुउदीनपुर मुहल्ला निवासी हरेराम कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.
नेपाल का मूल निवासी युवक कई दिनों तक शहर के गौरक्षणी मुहल्ले में अपने एक रिश्तेदार के घर पर रहा था. फिलहाल वह पटना के केसरी नगर बाबा चौक के पास किराये के मकान में रहता है. इसकी गिरफ्तारी पटना से पुलिस ने की. गिरोह से तीन मोबाइल और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शशिरंजन की बीआर 01 एपी-8186 नंबर की टबेरा गाड़ी (इसी गाड़ी से लाश को ठिकाने लगाया गया) जब्त की गयी है. हत्या को अंजाम देनेवाले तीनों युवक शहर के मटकोरी कुआं, राजाबाजार और भागीरथ बिगहा के निवासी हैं. गुरुवार को एसपी आदित्य कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.
वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित कर विशेष जांच टीम ने किया अनुसंधान : एसपी ने बताया कि इस मामले का खुलासा करने के लिए एएसपी संजय कुमार सिंह व एसडीपीओ अशफाक अंसारी की देखरेख में एसआइटी का गठन किया था. नगर थानाध्यक्ष नागेंद्र सिंह, कांड के अनुसंधानकर्ता एसइ संजय कुमार, मुन्ना कुमार, मुकेश कुमार, राकेश कुमार, उज्ज्वल पांडेय, सत्येंद्र कुमार, गुड्डू कुमार सहित 10 पुलिसकर्मियों की विशेष जांच टीम का गठन किया गया था.
उसने घटनास्थल का निरीक्षण कर वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किये. 400 से अधिक मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) संग्रह किये गये. अनुसंधान में 19 लोगों से पूछताछ कर पुलिस ने सुराग जुटाये. एनएच पर लगे सीसीटीवी से भी अपराधियों की गतिविधि पर नजर रखी गयी थी. हत्याकांड में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की जांच टीम ने दिल्ली, दार्जलिंग और पश्चिम बंगाल के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी.
राजा गोस्वामी की गिरफ्तारी से खुले राज : अनुसंधान के दौरान पुलिस ने सुराग के आधार पर शहर के मटकोरी कुआं के पास ठेले पर मनिहारी का सामान बेचनेवाले राजा गोस्वामी को सबसे पहले गिरफ्तार किया. इसने पूछताछ में मंटू की हत्या के सारे राज पुलिस के समक्ष खोले.
उसने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए गिरोह के सरगना ने 20 जून को उससे संपर्क साधा था. उसने बताया था कि मंटू के पास आठ लाख रुपये हैं. सरगना ने एक मोबाइल फोन और एक फर्जी सिम कार्ड खरीदा था, 22 जून की देर शाम करीब 7-8 बजे फोन कर मंटू को मटकोरी कुआं के पास बुलाया गया था. मंटू और सरगना के बीच पहले से दोस्ती थी.
इधर, मंटू के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराने वाले उसके भाई विधि कुमार ने नगर थाने में सूचित किया था कि कोचिंग संचालक मिथिलेश कुमार उर्फ एम कुमार ने पैसे देने के लिए मंटू को 22 जून की शाम आइसीआइसीआइ बैंक के पास बुलाया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने बताया कि उसके बुलाने पर मंटू बैंक के समीप अपनी मोटरसाइकिल से गया. इसके बाद दोनों मटकोरी कुआं के पास आये और वहीं पर अपने साथी फरार सरगना से मंटू मिला था. उस वक्त एम कुमार वहां से चला गया था. पुलिस के अनुसार इस मामले में एम कुमार फिलहाल संदिग्ध आरोपित के रूप में है. उसने मंटू को रुपये दिये या नहीं और सरगना से उसका क्या संबंध है, इसका खुलासा फरार सरगना की गिरफ्तारी के बाद होगा.
पॉकेट से मिले थे सिर्फ आठ हजार रुपये : मंटू की मौत हो जाने के बाद दो अपराधियों ने पहले मसौढ़ी थाना क्षेत्र में उसकी मोटरसाइकिल को ठिकाने लगाया. उसके बाद दोनों ट्रेन से वापस कुतबनचक मुहल्ले में आ गये. लाश को ठिकाने लगाने के लिए भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शशिरंजन की टबेरा गाड़ी के चालक से संपर्क किया गया. साढ़े तीन हजार रुपये किराया तय हुआ था.
गाड़ी के आ जाने पर रात 11 बजे शव को एक बेड सीट में लपेटकर वाहन पर लादा गया. उसके पॉकेट में आठ हजार रुपये और कुछ एटीएम कार्ड और वोटर आइकार्ड थे, जिसे सरगना ने निकाल लिये थे. अपराधियों ने नदौल, बरनी, साईं बाजार होते हुए धनरुआ थाना क्षेत्र के मोरियावां गांव से एक किलोमीटर दक्षिण बधार में लाश गिरा कर किरासन तेल छिड़क कर आग लगा दी थी. इसके बाद सभी वहां से भाग निकले.
नेपाल के प्रिंस की गिरफ्तारी पटना के पीएम मॉल से : नेपाल के रहनेवाले प्रिंस को पुलिस ने पटना के पीएम मॉल के समीप से गिरफ्तार किया. लाश को ठिकाने लगाने के बाद प्रिंस कुमार उर्फ नेपाली पटना भाग गया था. उसका दादा एयपोर्ट पर कुक का काम करता है.
वह अपनी प्रेमिका के साथ पटना के पीएम मॉल में सिनेमा देखने गया था.मास्टरमाइंड सहित तीन अन्य की धर-पकड़ के लिए छापेमारी तेज : मंटू की हत्या के पीछे और भी कोई शख्स है या नहीं, इसका खुलासा सरगना की गिरफ्तारी के बाद होगा. सरगना शहर के मटकोरी कुंआ के समीप ही एक गली में रहता था. जो घटना के बाद से फरार है. सरगना सहित फरार तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
भाजपा नेता की गिरफ्तारी का एसपी ने दिया निर्देश : एसपी ने बताया कि हत्याकांड में प्रयुक्त टबेरा गाड़ी के मालिक भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शिशरंजन को भी गिरफ्तार किया जायेगा.
उन्होंने विशेष जांच टीम को शीघ्र गिरफ्तारी का आदेश दिया है. टबेरा के चालक हरेराम ने पुलिस को बताया था कि लाश ठिकाने लगाने की जानकारी भाजपा नेता शशिरंजन को दी थी. शशि ने साक्ष्य को दबाये रखा और तीन दिनों पूर्व जब उनकी गाड़ी अनुसंधान के क्रम में जब्त की गयी, तो उन्होंने अपनी गाड़ी चालक समेत गायब हो जाने का नाटक रचते हुए नगर थाने में एक आवेदन दिया था.