जहानाबाद (नगर) : बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का जिलास्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन हुआ, जिसमें अनुबंध, मानदेय, नियोजित, प्रोत्साहन नीति वापस लेने तथा सभी को वेतनमान देने की मांग को लेकर दो अगस्त को मुख्यमंत्री के समक्ष धरना देने का निर्णय लिया गया. कन्वेंशन को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष मुखराम शर्मा ने कहा कि सातवां वेतन लागू करने की मोदी सरकार की कसरत एवं आशा,
आंगनबाड़ी, रसोइया, कार्यपालक सहायक जैसे सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मियों को बिल्कुल ही छोड़ दिया गया है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार न्यूनतम वेतन 18 हजार कर अपनी पीठ थपथपा रही है. केंद्र सरकार ने ट्रेड यूनियन अधिकार को भी समाप्त कर दिया है, जिसके कारण 90 प्रतिशत अनुबंध मानदेय जैसे असंगठित क्षेत्र सामूहिक सौदेबाजी से वंचित रह जायेंगे. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ दो सितंबर को होनेवाला राष्ट्रीय स्तर पर विरोध में 10 ट्रेड यूनियनों से सामूहिक देशव्यापी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि दो अगस्त को सीएम के समक्ष धरना में जिले से काफी संख्या में शिक्षक कर्मचारी, रसोइया, कार्यपालक सहायक, डाटा इंट्री ऑपरेटर, आशा आदि भाग लेंगे.
वक्ताओं ने अनुबंध मानदेय पर बहाल कर्मियों को वेतनमान लागू करने, जब तक वेतनमान नहीं मिले तब तक कर्मियों का मानदेय 20 हजार रुपये करने की मांग की. कन्वेंशन को वासुदेव सिंह, शक्ति कुमार, सत्येंद्र कुमार, पूनम कुमारी, अंशु कुमारी आदि ने संबोधित किया.