बाढ़ ने मत्स्यपालकों से छीनीं कई उम्मीदें

कर्ज लेकर किया था रोजगार, बाढ़ ने बढ़ाया कर्ज घोसी (जहानाबाद) : फल्गु नदी में बाढ़ ने लोगों की कमर तोड़ी दी है. बाढ़ ने मतस्यपालकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. स्थानीय निवासी अभय शर्मा ने एक वर्ष पूर्व कर्ज लेकर मत्स्यपालन का रोजगार शुरू किया था. चार विगहा में चार तालाबों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2016 5:28 AM

कर्ज लेकर किया था रोजगार, बाढ़ ने बढ़ाया कर्ज

घोसी (जहानाबाद) : फल्गु नदी में बाढ़ ने लोगों की कमर तोड़ी दी है. बाढ़ ने मतस्यपालकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. स्थानीय निवासी अभय शर्मा ने एक वर्ष पूर्व कर्ज लेकर मत्स्यपालन का रोजगार शुरू किया था. चार विगहा में चार तालाबों में तीन लाख से अधिक की जीरा मछली डाली गयी थ, परंतु दो दिन पूर्व फल्गु नदी में आयी बाढ़ ने उम्मीद पर पानी फेर दिया. उन्होंने बताया कि हम नालंदा जिले के दरियापुर गांव गये थे.
वहां के कई लोगो को मछली पालन करते देखा और वहीं के लोगों से प्रेरणा लेकर मछली पालन करना शुरू कर दिया. पहले वर्ष दो तालाबों में करीब आठ लाख की मछली बिकी थी. इस तरह से रोजगार को बढ़ाते हुए चार तालाब कर दिये और कर्ज लेकर तीन लाख की जीरा मछली डाल दी. लगभग 20 से 22 लाख की तैयार मछली बाढ़ की तबाही में बह गयी.
उन्होंने बताया कि विभाग के कार्यालय में आते-जाते थक गया था और विभाग से आज तक कोई लाभ नहीं मिला. मछली पालन करने से पूर्व विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि इस रोजगार करने पर सरकार मदद करती है, लेकिन इस रोजगार में आत्मनिर्भर होने की कोशिश में विभाग की उदासीनता के शिकार हो गये. इस बाढ़ ने हमें इतना लाचार बना दिया कि अब तो बची हुई मछली भी सुरक्षित नहीं हैं. इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि सोसाइटी के माध्यम से इस रोजगार को करने पर लोगों को लाभ दिया जा सकता है.

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