अतिक्रमण से लगता है जाम
नो इंट्री के बावजूद भी चालक जबरन ले जाते हैं व्यावसायिक वाहन खरीदारों व राहगीरों को झेलनी पड़ रही है भारी फजीहत जहानाबाद : शहर के प्रमुख मार्ग शिवाजी पथ से गुजरना किसी भी व्यक्ति के लिए सहज नहीं है. प्रतिदिन उक्त पथ में जाम लगना आम बात है. दिन में एक दो बार नहीं […]
नो इंट्री के बावजूद भी चालक जबरन ले जाते हैं व्यावसायिक वाहन
खरीदारों व राहगीरों को झेलनी पड़ रही है भारी फजीहत
जहानाबाद : शहर के प्रमुख मार्ग शिवाजी पथ से गुजरना किसी भी व्यक्ति के लिए सहज नहीं है. प्रतिदिन उक्त पथ में जाम लगना आम बात है. दिन में एक दो बार नहीं बल्कि सुबह से शाम तक लोग अक्सर जाम में फंसते हैं. बाजार करने आने वाले लोगों और राहगीरों को जाम के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. इसका प्रमुख कारण है दुकानदारों के द्वारा सड़क पर अतिक्रमण करना और नो इंट्री के बावजूद भी व्यवसायिक वाहनों को जबरन उक्त पथ में ले जाना.
शहर के एक प्रमुख व्यवसायिक इलाके में ऐसी स्थिति लंबे समय से बनी हुयी है. जिसपर नियंत्रण करने की दिशा में समूचित कार्रवाई नहीं होने से लोगों की मुसीबत बढ़ती ही जा रही है. अब तो अतिक्रमण और जाम की समस्या और विकट होने की संभावना है. चुकी पर्व त्योहारों का समय शुरू हो गया है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आवाजाही काफी बढ़ गयी है.
प्रतिदिन होता है लाखों का कारोबार :यह मार्ग शहर के दो प्रमुख मार्गों को जोड़ता है शिवाजी रोड. एक तरफ एनएच 83 तो दूसरी ओर मेन रोड का सीधा संपर्क शिवाजी पथ से होता है. उक्त इलाका शहर का एक प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र है जहां किराना, कपड़े, रेडिमेड, हार्डवेयर, होटल एवं रोजमर्रे की लगभग सभी वस्तुओं की बिक्री होती है. शहर के अलावा गांवों से हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन आते हैं और खरीददारी करते हैं. जिन्हें अकसर जाम की विकट समस्या से जूझना पड़ता है.
सड़क पर लगायी जाती है दुकान :एक तो कम चौड़ी सड़क ऊपर से अतिक्रमण किये जाने से सड़क पर आवाजाही की समस्या उत्पन्न है. कई दुकानदार ऐसे हैं जो अपनी-अपनी दुकानों के आगे कुर्सी और बेंच लगाकर सामानों से भरे बोरे रखे रहते हैं इसके अलावा फुटपाथी दुकानदार सड़क पर ही अपने ठेले लगा देते हैं. ऐसी हालत में दो-चार मोटरसाइकिलें एवं ऑटो रिक्शे के प्रवेश करते ही लग जाता है जाम. कई बार तो दुकानदारों और खरीददारों के बीच बात-बात में झड़प हो चुकी है. एक बार जाम लगने का मतलब है कि लोग काफी देर तक उसमें फंसे रहते हैं.
अतिक्रमण पर नियंत्रण करने की दिशा में प्रशासन की ओर से कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जिससे अतिक्रमणकारियों का मनोबल दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. पूर्वांह्न में आठ बजे के बाद से भी दस बजे तक ग्रामीण इलाके से पिकअप वैन, रिक्शे, ठेले, टेंपो, और ट्रैक्टर पर भारी मात्रा में सब्जियां या अन्य खाद्य पदार्थ और किराना की सामाने लोड कर लायी जाती है और सड़क पर ही वाहनों को लगाकर घंटों तक उसे अनलोड किया जाता है.
सहज आकलन किया जा सकता है कि ऐसी हालत में अन्य छोटे-छोटे वाहन बाइक, साइकिल या रिक्शे पर सवार लोग जाम लगने से फंसे रहते हैं. जब बड़े वाहनें के चालकों को नो इंट्री का हवाला दिया जाता है तो वे लड़ाई करने पर उतारू हो जाते हैं. इस पर नियंत्रण करने की फिक्र यातायात पुलिस को नहीं है. सूत्रों के अनुसार जाम छुड़ाने के नाम पर वहां गयी पुलिस कुछ नजराना लेकर संतुष्ट हो जाते हैं और लोगों को छोड़ दी जाती है फजीहत झेलने के लिए.
समस्या का निदान करने की मांग :उक्त इलाके में रहने वाले लोगों के अलावा शहर और गांव से आये लोगों ने इस जटिल समस्या का शीघ्र समाधान करने की मांग प्रशासन से की है. लोगों का कहना है कि अधिकारी शिवाजी रोड में औचक निरीक्षण कर सड़क पर अतिक्रमण कर जाम की समस्या उत्पन्न करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करें और नो इंट्री के बावजूद दादागीरी कर वाहन ले जाने वाले चालकों को सबक सिखाएं.
ऐसा करने से प्रशासन के प्रति भय व्याप्त होगा और लोग यातायात नियम का पालन करेंगे, जिससे काफी हद तक जाम की समस्या का समाधान होगा. लोग यह भी कह रहे हैं कि अब पर्व त्योहार शुरू हो गया है लोगों की भीड़ बाजार में बढ़ने लगी है यदि समुचित कार्रवाई नहीं की गयी तो शिवाजी पथ से लोगों का गुजरना मुसीबत हो जायेगी.