राहगीरों का पैदल चलना भी दुभर
जहानाबाद : अतिक्रमण के मामले में शहर के अति व्यस्त निचली रोड की हालत पीजी रोड से भी खराब है. जहां कदम-कदम पर लोगों का चलना मुश्किल है. प्रतिदिन सुबह से लेकर देर शाम तक सड़क पर अवैध कब्जा किये जाने से स्थिति अत्यंत खराब रहती है. एक तो की कम चौड़ी सड़क और उस […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
September 13, 2016 1:25 AM
जहानाबाद : अतिक्रमण के मामले में शहर के अति व्यस्त निचली रोड की हालत पीजी रोड से भी खराब है. जहां कदम-कदम पर लोगों का चलना मुश्किल है. प्रतिदिन सुबह से लेकर देर शाम तक सड़क पर अवैध कब्जा किये जाने से स्थिति अत्यंत खराब रहती है. एक तो की कम चौड़ी सड़क और उस पर अवैध कब्जा, ऐसी हालत में मेन रोड (निचली रोड) में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से बाजार करने आये लोगों को भीड़ से जूझना पड़ता है. सड़क पर सहज ढंग से गुजरने में लोगों को बेहद कठिनाई होती है. ऐसी स्थिति किसी एक दो दिन नहीं रहती बल्कि पूरे साल लोगों को अवैध कब्जे का दंश झेलना पड़ता है.
खबर के अनुसार सड़क पर ठेला लगाने के एवज में उनसे कुछ लोगों के द्वारा अवैध वसूली की जाती है. बता दें कि निचली रोड पूरी तरह व्यावसायिक क्षेत्र है जहां हरेक तरह के सामान की खरीद बिक्री होती है. प्रतिदिन लाखों का कारोबार किया जाता है. शहर के अलावा गांव से हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं जिन्हें कठिनाइयों के दौर से गुजरना पड़ता है.
मलहचक मोड़ से थाना रोड तक लगायी जाती है दुकानें :स्टेशन से गुजरने पर निचली रोड की शुरुआत उंटा मोड़ से होती है. जो मलहचक मोड़, पंचमहल्ला, पाठकटोली मोड़, शिवाजी पथ मोड़, बड़ी मसजिद होते हुए थाना रोड तक चली जाती है. इसके बीच शिवाजी पथ मोड़ और बड़ी मसजिद के पास से पश्चिम सड़क निकलकर पीजी रोड एनएच 83 में जाकर मिलती है. उक्त स्थलों पर हजारों की संख्या में कपड़े, रेडिमेड, सेनेटरी, आभूषण, जूते-चप्पल, किराना, अनाज, समेत दिनचर्या की हर तरह की सामान की बिक्री के लिए व्यावसायिक दुकानें संचालित है. लेकिन उक्त एरिया की सड़क कम चौड़ी है.
संर्कीण रहने की वजह से पर्व त्योहार के मौके पर भीड़ बढ़ते ही लोगों का आना जाना मुश्किल हो जाता है. ऊपर से छोटे-छोटे वाहन निचली रोड से ले जाने के कारण जाम लग जाता है. इन सबों से इतर सबसे ज्यादा परेशानी होती है फुटपाथी दुकानदारों से. स्थायी दुकानों के आगे बड़ी संख्या में फुटपाथी दुकान सजा दी जाती है. जिससे बाजार के सड़क की स्थिति अत्यंत खराब हो जाती है. लोगों को कदम कदम पर परेशानी उठानी पड़ती है. स्थायी दुकानदारों के लाख मना किये जाने के बावजूद भी उनकी दुकानों के आगे ठेले लगाये जाते हैं. जिससे स्थायी दुकानदारों के कारोबार पर असर पड़ता है.
ऐसी स्थिति में स्थायी दुकानदार और ठेले लगाने वालों के बीच अक्सर झड़प होती है. बताया जाता है कि कई मकान मालिक ऐसे हैं जो अपने घर के आगे सड़क पर फुटपाथी दुकान लगाने के लिए दुकानदारों से अवैध वसूली करते हैं. मकान मालिक के द्वारा प्रतिदिन 50 से 100 रुपये तक की अवैध वसूली किये जाने के बाद ही दुकाने सजाने की इजाजत दी जाती है. जो गंभीर विषय है. इस तरह का नजारा आये दिन देखा जा सकता है.
और इन स्थितियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है आम लोगों को जो बाजार में खरीदारी करने जाते हैं. इस पर नियंत्रण करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. फलस्वरूप मुख्य बाजार की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती ही जा रही है.