अपने घरों से करें उर्दू के विकास की शुरुआत, मिलेगी सफलता
द्वितीय राज्यभाषा उर्दू का के विकास हेतु कार्यशाला का आयोजन जहानाबाद नगर : उर्दू की विकास की शुरुआत अपने घरों से करनी होगी. सिर्फ सरकार से विकास की बात करना बेमानी हो जायेगा. उर्दू हिन्दुस्तानी जुबान है यह यहीं पली बढ़ी और अग्रेतर विकास कर रही है. उर्दू को किसी धर्म से जोड़ना नाइंसाफी होगी. […]
द्वितीय राज्यभाषा उर्दू का के विकास हेतु कार्यशाला का आयोजन
जहानाबाद नगर : उर्दू की विकास की शुरुआत अपने घरों से करनी होगी. सिर्फ सरकार से विकास की बात करना बेमानी हो जायेगा. उर्दू हिन्दुस्तानी जुबान है यह यहीं पली बढ़ी और अग्रेतर विकास कर रही है. उर्दू को किसी धर्म से जोड़ना नाइंसाफी होगी. उक्त बाते बीडीओ नौशाद आलम सिद्धिकी ने कहा. समाहरणालय स्थित ग्राम प्लेक्स भवन में उर्दू भाषा कोषांग द्वारा जिला स्तर पर उर्दू कर्मियों की दक्षता विकास तथा द्वितीय राज्यभाषा उर्दू के कार्यान्वयन एवं प्रचार प्रसार हेतु आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि उर्दू का अधिक से अधिक उपयोग हो तभी भाषा का विकास संभव है.
इस अवसर पर उर्दू भाषा कोषांग के जिला प्रभारी नुपूर, प्रो. अकील अहमद, शकील काकवी द्वारा कार्यशाला का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया गया. कार्यशाला में प्रभारी पदाधिकारी ने कहा कि उर्दू विकास के लिए हम सबको मिलकर काम करने की जरूरत है. उर्दू कर्मी अपने दायित्वों को समझें. उर्दू के विकास के लिए बिहार सरकार द्वारा निर्देशित सात बिन्दुओं पर काम करने के लिए तैयार रहें. कार्यशाला में शकील काकवी ने कहा कि उर्दू से दर्द का रिश्ता कायम कीजिए इसके लिए किसी खास कार्यक्रम चलाने का आवश्यकता नहीं पडेगी. वहीं प्रो.अकील अहमद ने कहा कि विकास की बात करने वाले लोगों के घरों में ही उर्दू उपेक्षित हो रही है. अपने बच्चों को उर्दू पढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उर्दू का विकास तभी संभव है जब इसका अधिक से अधिक उपयोग हो. इस अवसर पर उर्दू कर्मियों के बीच लर्निंग मेटेरियल कीट का वितरण किया गया. कार्यशाला में उर्दू कर्मियों द्वारा अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर आने वाले समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. कार्यक्रम का संचालन अंजुमन तरक्की ए उर्दू के सचिव प्रो. गुलाम असदक ने किया.