सब्जियों के भाव में 50 फीसदी की गिरावट
जहानाबाद नगर : सरकार द्वारा आठ नवंबर की रात नोटबंदी की घोषणा की गयी थी. नोटबंदी के बाद बाजार में कैश की कमी के कारण सब्जियों के थोक एवं खुदरा भाव में काफी गिरावट आयी है. अब हरी सब्जियां गरीबों की थाली में भी पहुंचने लगी है. सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद सब्जियों के भाव […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 4, 2016 3:54 AM
जहानाबाद नगर : सरकार द्वारा आठ नवंबर की रात नोटबंदी की घोषणा की गयी थी. नोटबंदी के बाद बाजार में कैश की कमी के कारण सब्जियों के थोक एवं खुदरा भाव में काफी गिरावट आयी है. अब हरी सब्जियां गरीबों की थाली में भी पहुंचने लगी है. सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद सब्जियों के भाव में एक तिहाई की कमी आने से अब लोग जम कर सब्जी की खरीदारी कर रहे हैं. कल तक जिनके घरों में सब्जियां सीमित मात्रा में पकती थी उनके घरों में भी अब अलग-अलग सब्जियां पकने लगी है.
नोटबंदी के बाद कैश की कमी से सब्जियों के भाव में आयी गिरावट ने सब्जियों को गरीबों की पहुंच तक ला दिया है. नोटबंदी से पूर्व जहां सब्जियों के भाव आसमान छू रहे थे वहीं अब उनके भाव आधे से अधिक कम हो गये हैं. ऐसे में अब सब्जियां हर किसी के पहुंच के अंदर आ गयी है. और लोग हरी सब्जी का जम कर उपयोग भी कर रहे हैं. कीमतों में कमी आने से सब्जियों की मांग बढ़ गयी है. नोटबंदी से पूर्व जो लोग हरी सब्जी खरीदने में अपने को सक्षम नहीं मानते थे. वैसे लोग भी अब अलग-अलग सब्जियां खरीदने लगे हैं. जिससे मांग बढ़ गयी है.
सब्जियों का वर्तमान थोक भाव
फुलगोभी- 5-6 रुपये प्रति पीस
बैंगन- 500 रुपये क्विंटल
भंटा- 700 रुपये क्विंटल
बंदागोभी- 6 रुपये पीस
मटर- 35 रुपये किलो
मुली- 04 रुपये किलो
कद्दु- 05 रुपये पीस
आलु – 800 रुपये क्विंटल
प्याज- 1400 रुपये क्विंटल
सब्जियों के वर्तमान खुदरा भाव
फुलगोभी- 12-15 रुपये प्रति पीस
बैंगन- 12 रुपये किलो
भंटा- 15 रुपये किलो
बंदागोभी- 15-18 रुपये पीस
मटर- 60 रुपये किलो
मुली- 10 रुपये किलो
कद्दु- 12-15 रुपये पीस
आलु – 12 रुपये किलो
प्याज- 24 रुपये किलो
सब्जियों की मांग में कमी नहीं
सब्जियों के भाव में काफी गिरावट आयी है. कुछ सब्जियों के रेट तो आधी हो गयी है. हालांकि सब्जियों की मांग में कमी नहीं आयी है.
नीरज कुमार
नोटबंदी का सब्जी बाजार पर कोई विशेष असर नहीं है. शुरुआत के दिनों में कुछ असर देखने को मिला था.
टेनी चौधरी
सब्जी के भाव कम होने से उसकी डिमांड बढ़ गयी है. अब वैसे लोग भी सब्जी खरीदने लगे हैं. जो पहले सिर्फ सब्जी का भाव पूछा करते थे.
मो. आशिफ
सब्जी की मांग दिनों-दिन बढ़ रही है. नोटबंदी के कारण शुरुआत में काफी कम ग्राहक पहुंचते थे. लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है. सब्जी के दाम भी काफी कम हो गये हैं. जिससे बिक्री बढ़ गयी है.
मो. तसलीम
किचेन तक पहुंच रही
सब्जी
नोटबंदी के बाद सब्जियों की कीमतों में काफी कमी आयी हैं अब पर्याप्त मात्रा में सब्जी किचेन तक पहुंच रहा है. अपने स्वाद तथा पसंद के अनुसार नयी-नयी सब्जियां पक रही हैं.
अनुभा कुमारी