जहानाबाद सदर : एक ओर राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के मजबूती प्रदान करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर कई तरह के योजनाएं चला रही है. आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को लाने के लिए सरकार द्वारा नियमित रूप से पोषाहार का वितरण किया जा रहा है. तथा वरीय पदाधिकारी एवं सीडीपीओ द्वारा पोषाहार वितरण कार्य की मॉनीटरिंग भी की जा रही है. पर सच तो यह है कि आज भी जिले में कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिसका अपना भवन भी नसीब नहीं है.
और तो और ग्रामीण इलाका की बात तो दूर शहरी क्षेत्र में भी आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण नहीं होना सरकार के उदासीनता का घोर परिचायक है. नगर परिषद क्षेत्र जहानाबाद में 82 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमें महज दो आंगनबाड़ी केंद्र जाफरगंज एवं दुग्धशीतक केंद्र के समीप संचालित आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन है. जबकि 80 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन नसीब नहीं है. आज भी 80 आंगनबाड़ी केंद्र निजी मकानों में संचालित हो रही है.
इसके एवज में सरकार को आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालन करने में किराये मद में बड़ी रकम महीने में खर्च हो रही है. निजी मकानों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को जांच करने के दौरान पदाधिकारियों को भी काफी फजीहत उठाना पड़ता है. शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कहां-कहां पर हो रहा है जांच के दौरान वरीय पदाधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों की पहचान करने में दिक्कत हो जाती है. वहीं निजी मकान आंगनबाड़ी केंद्र बनने के कारण केंद्र पर सेविका की मनमानी भी बढ़ी रहती है. जब मन करता है तो आंगनबाड़ी केंद्र खोलती है और जब मन किया बंद कर देती है. शहर के कई वार्डों में ऐसे भी आंगनबाड़ी केंद्र है जो कब खुलता है व बंद होता है आसपास के लोगों को भी पता नहीं चल पाता है. वहीं जहानाबाद प्रखंड के ग्रामीण इलाका में 126 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमें 101 का अपना भवन बन गया है. 16 आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन है. 08 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सरकार को जमीन नहीं मिल पा रही है.