हिचकोले खाते वाहन से गुजरते हैं यात्री
बदहाली . जहानाबाद-अरवल एनएच 110 की नहीं सुधर रही हालत, यात्रा करने में लगता है डर जहानाबाद : वर्षों से संवेदकों की उपेक्षा का दंश झेल रहा जहानाबाद-अरवल पथ एनएच 110 कब चिकनी होगी. उसपर छोटे बड़े वाहन बेखौफ होकर कब सरपट दौड़ेंगे. खासकर जहानाबाद से अरवल तक 35 किलोमीटर की दूरी तय करने में […]
बदहाली . जहानाबाद-अरवल एनएच 110 की नहीं सुधर रही हालत, यात्रा करने में लगता है डर
जहानाबाद : वर्षों से संवेदकों की उपेक्षा का दंश झेल रहा जहानाबाद-अरवल पथ एनएच 110 कब चिकनी होगी. उसपर छोटे बड़े वाहन बेखौफ होकर कब सरपट दौड़ेंगे. खासकर जहानाबाद से अरवल तक 35 किलोमीटर की दूरी तय करने में नाहक बर्बाद हो रहे समय की बचत कब से शुरू होगी. ये सारे सवाल कौंध रहे हैं सैकड़ों गांव के लाखों लोगों के जेहन में. सरकार सड़क और बड़े-बड़े पुलों का निर्माण कर आवागमन को सुगम बनाने के उद्देश्य से सड़क निर्माण के क्षेत्र में जिले से लेकर राज्य स्तर तक नित प्रति कीर्तिमान स्थापित कर रही है. लेकिन एक जिला से दूसरे जिला को जोड़ने वाला जहानाबाद अरवल एनएच 110 की हालत रोड निर्माण की क्षेत्र में बदनामी को दर्शा रहा है.
जहानाबाद अरवल के बीच रहने वाले लाखों लोग रोड निर्माण की स्थिति को देखते हुए चिकनी सड़क पर फर्राटे भरती गाड़ियों को देखने की आस छोड़ चुके हैं. क्योंकि उक्त पथ के निर्माण में लंबा समय बीत चुका है. पहले तो धीमी गति से सड़क का निर्माण हो रहा था लेकिन बाद में जेएसआर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिये. जिससे निर्माण कार्य बंद हो गया.
इधर कुछ दिनों से दूसरे संवेदक को निर्माण कराने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. बतादें कि वाहनों पर सवार यात्री अनगिनत गड्ढों के बीच हिचकोले खाते यात्रा करने को मजबूर हैं. जहानाबाद शहर के बाजार समिति मोड़ के पास से ही शुरू हुई सड़क की दुर्दशा पर आम यात्री रोड की हालत पर जिम्मेवार पदाधिकारियों को कोसना शुरू कर देतें हैं.उक्त पथ पर जहानाबाद से अरवल जिला के बीच दो बड़े डायवर्सन हैं. जहांगीरपुर और नेहालपुर डायवर्सन हो या अन्य जगहों पर निर्माणाधीन पुल पुलिया,
सामने से एक गाड़ी आ जाने के बाद दो पहिया वाहनों को भी साइड लेना मुश्किल हो जाता है. डायवर्सन के साथ साथ कई जगह ऐसे हैं जहां चालक से थोड़ी सी भूल होने पर वाहनों के दुर्घटना ग्रस्त होने की प्रबल संभावना रहती है. पूर्व में कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है. वाहन पर सवार यात्री भय के माहौल में यात्रा करने पर विवश हैं.मगध प्रमंडल के नालंदा, जहानाबाद से अरवल होते हुए भोजपुर तक पहुंचने में एनएच 110 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पहले भोजपुर के इलाके में पहुंचने के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी.
किराये के मद में अधिक रुपये व्यय करने पड़ते थे. लेकिन जब अरवल में सोन नदी पर पुल का निर्माण हो गया उसके बाद लोगों को समय के साथ साथ भाड़ा मद में रुपये की भी बचत होने लगी. लेकिन विडंबना यह है कि अरवल और जहानाबाद के बीच एनएच 110 की बदहाली से लोगों को जूझना पड़ रहा है. साथ ही साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
सड़क पर वाहनों से उड़ते धूल कण आमजनों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. नेहालपुर, कसमा, झुनाठी, किंजर, अतौला, इमामगंज सहित कई ऐसे जगह है जहां कच्ची व पक्की सड़क का आकलन करना मुश्किल हो जाता है. सड़क की बदहाली का आलम यह है कि छोटे बड़े वाहन जैसे ही उक्त पथ पर प्रवेश करता है स्वत: गाड़ी की गति धीमी हो जाती है.
सड़क की जर्जर हालत से लोग परेशान हैं. हजारों लोगों का मुख्य पथ रहने की बजह से आवागमन करना उनकी मजबूरी है.
चिकनी सड़क पर यात्रा करने की कब पूरी होगी आस
सौंपी गयी है जिम्मेवारी
25 करोड़ की लागत से एनएच 110 का निर्माण कार्य कराने की जिम्मेवारी पूर्व के वर्षों में जेएसआर कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपी गयी थी. निर्माण कराना भी शामिल है. डेढ़ साल में अरवल -जहानाबाद-एकंगरसराय एनएच 110 का निर्माण कार्य पूरा करने का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
जितेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता,एनएच