जिला मुख्यालय स्थित यक्ष्मा केंद्र की तसवीर

कई बार टूट कर गिर चुका है छत का प्लास्टर जांच के बाद भवन को जर्जर घोषित कर दिया गया जहानाबाद नगर : सदर अस्पताल परिसर में वर्ष 1990 से जिला यक्ष्मा केन्द्र संचालित है. यक्ष्मा केन्द्र जिस भवन में संचालित है वह भवन इस कदर जर्जर है कि वह कभी भी धाराशायी हो सकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2016 4:06 AM

कई बार टूट कर गिर चुका है छत का प्लास्टर

जांच के बाद भवन को जर्जर घोषित कर दिया गया
जहानाबाद नगर : सदर अस्पताल परिसर में वर्ष 1990 से जिला यक्ष्मा केन्द्र संचालित है. यक्ष्मा केन्द्र जिस भवन में संचालित है वह भवन इस कदर जर्जर है कि वह कभी भी धाराशायी हो सकता है. अक्सर भवन की छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है. जिससे कर्मी घायल हो जाते हैं लेकिन मजबूरन उन्हें इसी बिल्डिंग में अपनी डयूटी निभाने को मजबूर होना पड़ रहा है. भय व डर से अपनी डयूटी तो बजा रहे हैं लेकिन मरीजों का समुचित इलाज नही हो पा रहा है. इलाज कराने आने वाले कई मरीज बिल्डिंग की जर्जर हालत को देख वापस लौट जाते हैं.जिला यक्ष्मा केन्द्र में करीब डेढ़ दर्जन कर्मी कार्यरत हैं.
सभी कर्मी इसी जर्जर भवन के अलग अलग कमरों में बैठ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं. लेकिन उन्हें यह भय सताते रहता है कि कभी भी बिल्डिंग धाराशायी हो सकता है. इस भय के कारण कर्मी अपने निर्धारित कमरे में बैठने के बजाय इधर उधर टहलते नजर आते हैं. वर्ष 1990 से संचालित यक्ष्मा केन्द्र भवन की मरम्मती के लिए कई बार प्रत्राचार किया गया है. पत्राचार के उपरांत भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा भवन की जांच की गयी. जांच के उपरांत भवन की हालत को देखते हुए इसे जर्जर घोषित कर दिया गया. हालांकि इसके बाद भी कर्मी इसी जर्जर भवन में कपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं तथा मरीजो का इलाज हो रहा है. हालांकि कर्मी भय व दहशत के माहौल में रहते हैं. उन्हें हमेशा यह डर सताते रहता है कि कभी भी भवन धाराशायी हो सकता है तथा कर्मियों की जान जा सकती है.
नये भवन की हो रही तलाश
जिला यक्ष्मा केन्द्र के जर्जर भवन को देखते हुए केन्द्र संचालन को लेकर नये भवन का तलाश किया जा रहा है. नया भवन मिलते हीं केन्द्र को उसमें शिफ्ट करा दिया जायेगा. जर्जर भवन के संबंध में विभाग को भी लिखा गया है.
डाॅ विजय कुमार, सिविल सर्जन

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