सात निश्चय हो रहे साकार : नीतीश
निश्चय यात्रा. धरनई को मिला तोहफा, गांव में बनाया जायेगा स्टेडियम 2018 तक हर कसबा व बसावट तक पहुंचेगी बिजली समयसीमा के भीतर पूरे होंगे सात निश्चयों के सभी काम सात निश्चय को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धरनई गांव पहुंचे. मंच पर पहुंचने से पहले ही गांव के लोग हाथों में तख्तियां […]
निश्चय यात्रा. धरनई को मिला तोहफा, गांव में बनाया जायेगा स्टेडियम
2018 तक हर कसबा व बसावट तक पहुंचेगी बिजली
समयसीमा के भीतर पूरे होंगे सात निश्चयों के सभी काम
सात निश्चय को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धरनई गांव पहुंचे. मंच पर पहुंचने से पहले ही गांव के लोग हाथों में तख्तियां लिये नारेबाजी कर रहे थे. सीएम ने मंच से धरनई गांव में स्टेडियम बनाने समेत कई घोषणएं की. इस दौरान स्वास्थ्य उपकेंद्र का फीता काट कर उद्घाटन किया.
मृत्युंजय/संजय4जहानाबाद : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि सरकार समयसीमा के भीतर सात निश्चय को पूरा करेगी. बिना मांगे आम जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जायेगा. वर्ष 2018 के अंत तक पूरे सू्बे में हर घर तक बिजली उपलब्ध हो जायेगी. चार साल के भीतर हर घर में नल का जल लोगों को मिलेगा. सीएम ने कहा कि लोगों को शुद्ध जल मिलेगा. मखदुमपुर प्रखंड के धरनई गांव में आयोजित ग्रामवार्ता कार्यक्रम में वे शिरकत करने आये थे.
1 बज कर 53 मिनट पर मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर धरनई टोला विशुनपुर के मैदान में बनाये गये हेलीपैड पर लैंड किया. वहां सबसे पहले उन्हें गाॅड ऑफ ऑनर दिया गया. उसके बाद सीएम का काफिला पैदल ही गांव की गलियों का भ्रमण करने निकल पड़ा. तकरीबन आधा किलोमीटर की दूरी तक फैले महादलित टोले में घूम-घूम कर सीएम ने विकास कार्यों का जायजा लिया. इसी क्रम में उन्होंने पंचायत सरकार भवन के पास बनाये गये स्वास्थ्य उपकेंद्र उद्घाटन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री वाहन पर सवार होकर सीधे सभा स्थल पर पहुंच कर मंचासीन हो गये.
मौजूद जन सैलाब को प्रणाम करते हुए अभिवादन किया, साथ ही अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए लोगों का आशीर्वाद मांगा. मंच पर वार्ड सदस्यों के एक ग्रुप ने मख्यमंत्री को एक बड़ी माला पहनायी. यहीं पर जदयू के जिलाध्यक्ष राजीव नयन उर्फ राजू के नेतृत्व में भी गुलाब की माला पहना कर सीएम का स्वागत किया गया.
घर-घर शौचालय का सपना हुआ साकार : सरकार के सात निश्चय में शामिल घर-घर शौचालय का सपना धरनई गांव में साकार होता दिखा. इस गांव के घरों में पानी की सुविधा के साथ शौचालय बनाये गये हैं. मुख्यमंत्री ने 1950 के दशक में डाॅ राममनोहर लोहिया के उस नारे को साकार करते हुए शौचालय की सुविधा प्रदान की है, ताकि महिलाओं को सुबह और शाम अंधेरे का इंतजार करना न पड़े. धरनई में शौचालय निर्माण की योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन करा कर सपने को साकार किया गया है. अब इस गांव की महिलाएं खुले में शौच करने को विवश नहीं है. सभा स्थल पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को यह सुझाव दिया कि वे खुले में शौच न करें. इससे मुक्ति मिलने पर 90 फीसदी बीमारियां दूर होती हैं.
ओपी भवन के निर्माण के लिए टेंडर शीघ्र : मंच पर अपने संबोधन में स्थानीय मुखिया ने मांग पत्र के जरिये मुख्यमंत्री से जनहित के दृष्टिकोण से कई सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की. स्टेडियम का निर्माण, पंचायत भवन की घेराबंदी, धरनई सूर्य मंदिर के समीप विवाह मंडप, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उमता में पशु अस्पताल,
मंदिर के पास अवस्थित तालाब का सीढ़ी घाट, फल्गु नदी से निकली कमल धारा, पइन की खुदाई, उमता-धरनई स्वीकृत पुलिस ओपी भवन निर्माण पुरा कराने, धरनई महादलित टोले में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना, बराबर रेलवे हॉल्ट को स्टेशन का दर्जा देने सहित अन्य कई मांगों की एक सूची मुख्यमंत्री को सौंपी गयी थी. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में धरनई के लोगों को तोहफा देते हुए धरनई टोला विशुनपुर के खेल मैदान में स्टेडियम निर्माण कराने की घोषणा की. यह भी कहा कि ओपी भवन के निर्माण के लिए शीघ्र टेंडर होगा.
शराब बंद होते ही घर में लौटी रौनक : मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून प्रभावी होने के बाद शहर और गांव में रहनेवाले लोगों के घरों की रौनक लौट आयी है. पहले शराब के कारण झगड़े हुआ करता था. अब ऐसा नहीं होता है. दारू में खर्च किये जानेवाले पैसे की बचत हो रही है. यह पैसा अब दूध ओर मिठायी पर खर्च हो रहा है, कपड़े सिलाये जा रहे हैं, बच्चों की कॉपी-किताब में व्यय हो रहे हैं. महिलाएं सिलाई मशीन खरीद रही हैं. यह सब सामाजिक परिवर्तन को दरसा रहा है. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि मानव शृंखला ने बिहार में इतिहास रची है. चार करोड़ लोगों ने इसमें शामिल होकर शराबबंदी का समर्थन किया.
अब उनका अगला चोट नशामुक्ति पर है. 21 जनवरी से 22 मार्च तक नशामुक्ति अभियान चलाया जाना है. शराबबंदी के कारण बिहार में जो सामाजिक परिवर्तन हुआ है वह पूरे देश में असर डालेगा. मुख्यमंत्री ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह चाइना में अफीम पर पाबंदी लगने के बाद वहां विकास की गति तेज हुई उसी तरह मादक पदार्थों पर पूरी तरह पाबंदी लग जाने से नशामुक्ति अभियान सफल होगा और हमारा देश भारत काफी आगे बढ़ जायेगा. बिहार से नशामुक्ति पर जो हवा चली है उसे अब कोई नहीं रोक सकता. कई दूसरे प्रांतों में भी नशामुक्ति के पक्ष में आवाज उठने लगी है. इस दिशा में कड़ाई से कानून का पालन हो रहा है.
इधर आवअ इंदू देवी …:मुख्यमंत्री के 25 मिनट के संबोधन में एक समय ऐसा आया कि सीएम सहसा बोल पड़े, इधर आवअ इंदू देवी… सीएम के इतना बोलते ही मंच पर पीछे बैठी इंदू देवी की ओर लोगों की निगाहें टिक गयीं. जब उक्त महिला मुख्यमंत्री के पास आयी, तो सीएम ने उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया कि पटना में नारी सशक्तीकरण पर आयोजित कार्यक्रम में जब वे गये थे,
तो चार महिलाओं ने उन्हें शराबबंदी की मांग उठायी थी, जिसमें धरनई की इंदू देवी भी शामिल थी. सीएम ने कहा कि उन चार महिलाओं की बात सुनने के बाद ही उन्होंने पूरे बिहार में पूर्णत: शराबबंदी कानून लागू करने का संकल्प लिया था. आज पूरे सूबे में सुंदर माहौल बना है. लोगों की सुख-शांति और खुशियां लौटी हैं.