नहीं बढ़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर कहां लगाये जायेंगे बेड
2009 में उत्क्रमित कर 300 बेडों का बना था सदर अस्पताल जहानाबाद,नगर : 13 मार्च 1981 को तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा द्वारा सदर अस्पताल का उद्घाटन किया गया था. इसके बाद 29 जनवरी 1992 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा नामकरण अमर शहीद जगदेव प्रसाद के नाम पर किया गया था. उस समय […]
2009 में उत्क्रमित कर 300 बेडों का बना था सदर अस्पताल
जहानाबाद,नगर : 13 मार्च 1981 को तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा द्वारा सदर अस्पताल का उद्घाटन किया गया था. इसके बाद 29 जनवरी 1992 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा नामकरण अमर शहीद जगदेव प्रसाद के नाम पर किया गया था. उस समय में यह अस्पताल 60 बेडो का था. जिसे बाद में सरकार ने उत्क्रमित करते हुए 120 बेड का अस्पताल बनाया गया. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी तरह 108 बेड लगाये गये. अस्पताल में बेडो की संख्या तो बढ़ी, लेकिन अन्य सुविधाएं पूर्व की तरह ही रह गयी. इसके बाद 15 जून 2009 को राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 में सदर अस्पताल को उत्क्रमित करते हुए 300बेड का अस्पताल बना दिया गया. साथ ही जरूरी पदों का भी सृजन किया गया.
अस्पताल तो उत्क्रमित हो गया, लेकिन तीन सौ बेड के अस्पताल के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बढ़े ऐसे में सरकार के आदेश का 07 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज भी सदर अस्पताल में 108 बेड ही लगे हैं. जगहके अभाव में अन्य बेड नहीं लगाये जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में बेड की कमी काफी खल रही है. कई बार तो मरीजों को फर्श पर लिटा कर उनका इलाज किया जाता है. अक्सर जब किसी पीएचसी से बड़ी संख्या में ऑपरेशन के लिए सदर अस्पताल लाये जाते हैं तो उस समय मरीजों के लिए बेड उपलब्ध नहीं हो पाता है. ऐसे में मरीजों को फर्श पर ही रात गुजारनी पड़ती है. हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा बेड लगाने का प्रयास किया जाता रहा है. कई बार जगहों को चिंहिृत भी किया गया है, लेकिन अस्पताल भवन की जर्जर स्थिति भी इसमें बाधक बन जाता है.
क्या कहते हैं सीएस
अस्पताल बेडो की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए कमरों को भी चिंहिृत किया गया है. जहां बेड लगाये जा सकें. हालांकि अभी 300 बेड लगाना संभव नहीं दिखता है. उतनी जगह अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.
डाॅ विजय कुमार