परेशानी. तेज आंधी से बिजली व जलापूर्ति व्यवस्था पर पड़ा असर
शहर में 12 घंटे बिजली की आपूर्ति रही बंद
डेढ़ घंटा तक ट्रेनों का परिचालन रहा बाधित
पेयजल के लिए परेशान रहे शहरवासी
जहानाबाद : मंगलवार की सुबह आयी तेज आंधी और पानी शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. आंधी के कारण बिजली व्यवस्था चरमरा गयी. इसका जलापूर्ति पर पड़ा. लगभग 12 घंटे तक शहर में बिजली की आपूर्ति बाधित रही.
पटना-गया रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. सुबह करीब पांच बजे आयी आंधी से शहर के ईदगाह के समीप एनएच 83 से सटे पश्चिम एक मकान पर लगा मोबाइल का टावर 33 हजार केवीए के तार पर जा गिरा. यह तो गनीमत थी की सुबह का समय होने से आवागमन कम था और मोबाइल टावर बिजली के तार पर गिर कर लटका रहा, नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी.
जब यह घटना हुई, उस वक्त बिजली प्रवाहित हो रही थी. टावर गिरने के बाद शहर में बिजली की आपूर्ति बंद हो गयी. बिजली बोर्ड के कनीय अभियंता राजीव रंजन कुमार मौके पर पहुंचे. विभाग के कामगारों और जेसीबी से क्षतिग्रस्त टावर को हटाया गया, लेकिन उसे दुरुस्त करने में घंटों का समय लग गया है. इसके अलावे ईदगाह के समीप ही उत्तर व दक्षिण, अरवल मोड़ से उत्तर और पुलिस लाइन के समीप बिजली के खंभे में लगे ब्रैकेट में तकनीकी फाॅल्ट आ गया.
इन स्थानों पर फाॅल्ट को चिन्हित करने और उसे दुरुस्त करने में कामगार दिन भर व्यस्त रहे. कोर्ट एरिया में तो बिजली की आपूर्ति साढ़े चार घंटे बाद करीब 9:30 बजे शुरू कर दी गयी, लेकिन फीडर नंबर एक, दो और चार से आपूर्ति होने वाली बिजली बाधित रही. गड़बड़ी के कारण काको मोड़, उंटा मोड़, पूर्वी उंटा, मदारपुर, पुरानी बिजली कॉलोनी, टेनी बिगहा, सहवाजपुर, फिदा हुसैन मोड़, राम नगर, कुतबनचक, अरवल मोड़, गड़ेरिया खंड, मखदुमाबाद, मलहचक, लोक नगर, शिवाजी पथ, अस्पताल मोड़ एवं इसके पूर्व के मुहल्लों में शाम करीब पौने पांच बजे के बाद बिजली की आपूर्ति शुरू हुई.
पेयजल का संकट गहराया :बिजली आपूर्ति बाधित होने से जलापूर्ति पर असर पड़ा. बिजली गुल रहने से लोगों के घरों में मोटर नहीं चले. टंकियां खाली हो गयीं. इस कारण शहरवासियों को पेयजल के लिए परेशानी झेलनी पड़ी. शहर के विभिन्न मुहल्लों में लगाये गये सार्वजनिक नलों से भी लोगों को पानी नहीं मिला. इस स्थिति से आम लोग पानी के लिए दिन भर परेशान रहे.
व्यवसाय पर भी पड़ा असर :आंधी के कारण बिजली व्यवस्था चरमराने का असर व्यवसाय पर भी पड़ा. बिजली से संचालित तकनीकी संस्थानों में काम-काज ठप रहे. बिजली पार्ट्स की दुकानों में रोजगार मंद पड़ा रहा. गैरेजों में भी काम-काज नहीं हुए. लोगों के घरों एवं दुकानों के इनवर्टर फेल हो गये. शाम पौने पांच बजे बिजली की आपूर्ति शुरू होते ही एक साथ हजारों मोटर चलाकर लोगों ने खाली टंकियों में पानी भरा.
आंधी के कारण पटना-गया रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन पर भी असर पड़ा. ओवर हेड वायर में फॉल्ट होने के कारण उक्त रेलखंड में एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन डेढ़ घंटे तक बाधित रहा. हुआ यह कि रेलखंड के तारेगना रेलवे स्टेशन के दक्षिणी आउटर सिगनल के पास आंधी में उड़ते हुये कुछ कपड़े ओवर हेड वायर में लिपट गये और बारिश से भीग गये.
इस कारण तकनीकी गड़बड़ी हो जाने के कारण 63242 डाउन गया-पटना पैसेंजर ट्रेन का परिचालन आउटर सिगनल के पास रुक गया. हाइटेंशन तार को दुरुस्त करने में करीब डेढ़ घंटे का समय लग गया. इस बीच पलामू एक्सप्रेस नदौल व 63244 डाउन पैसेंजर जहानाबाद स्टेशन पर खड़ी रही. जहानाबाद से मेनटेंनेंस टावर वैगन तारेगना आउटर सिगनल के पास पहुंच कर तकनीकी गड़बड़ी को दुरुस्त किया, तब सुबह आठ बजे के बाद ट्रेनों का परिचालन सामान्य हुआ.