तेज रफ्तार से हो रहीं दुर्घटनाएं, जा रही है जान
जिले में वाहनों की तेज रफ्तार पर लगाम नहीं लग रहा है. वाहनों की तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन मासूम लोगों की जिंदगी छीन ले रही है, बावजूद इसके वाहनों की स्पीड पर ब्रेक नहीं लग रहा है.
जहानाबाद. जिले में वाहनों की तेज रफ्तार पर लगाम नहीं लग रहा है. वाहनों की तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन मासूम लोगों की जिंदगी छीन ले रही है, बावजूद इसके वाहनों की स्पीड पर ब्रेक नहीं लग रहा है. गुरुवार को तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण लोदीपुर में सड़क पार कर रहे किसान की मौत हो गयी. जबकि किनारी के पैक्स अध्यक्ष सहित कई लोग घायल हो गए. परिवहन विभाग और एनएचआई के द्वारा सड़क की स्थिति क्षेत्र और घनी आबादी को देखते हुए वाहनों की स्पीड की सीमा तय की जाती है.
शहरी क्षेत्र में वाहनों की स्पीड की एक सीमा तय की गई होती है. अमूमन यह सीमा ऐसी आबादी वाले क्षेत्र में 20 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. इसके लिए घनी आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश वाली जगह पर ही गति सीमा की बोर्ड लगाई जाती है, किंतु जहानाबाद जिले में हर ऐसी घनी आबादी वाली क्षेत्र में प्रवेश के पहले बोर्ड नहीं लगाया गया है, जहां कहीं वह बोर्ड लगा हुआ भी है तो वाहन चालक उन नियमों का पालन नहीं करते हैं जिसके कारण तेज रफ्तार में चलने वाले वाहन चालक के साथ-साथ आम लोग भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं और अपनी जानें गंवा रहे हैं. जिले में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें अक्सर लोगों की जान चली जाती है. वाहनों की बेहिसाब रफ्तार के कारण जिले में हिट एंड रन का मामला भी बढ़ रहा है. आए दिन कोई वहां किसी सड़क पर चलते व्यक्ति को कुचलकर भाग जाता है.शहर में दिन में लगती है नो एंट्री
कुछ वर्ष पहले तक जहानाबाद शहर दुर्घटना का हॉटस्पॉट बना था. शहर के समाहरणालय के निकट बने कारगिल चौक से लेकर काको मोड़ तक के बीच आए दिन दुर्घटनाएं होती थीं. इसमें काको मोड़ ऊंटा सब्जी मंडी, अरवल मोड़, फिदा हुसैन मोड़, बत्तीस भंवरिया दुर्घटना के लिए ब्लैक स्पाॅट बना था, जिनमें होने वाली दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने शहर में सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे तक बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी जिसके बाद शहरी क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आई है, किंतु जब से बाईपास चालू हुआ है तब से दुर्घटनाएं बाईपास में काफी बढ़ गई है. बाईपास चालू होने के पहले रात में 9 बजे के बाद जब नो एंट्री खत्म होती है तो बड़े वाहन खासकर बालू और गिट्टी ढोने वाले हाईवा और बड़े ट्रक चेकिंग से बचने के लिए हाई स्पीड में वाहन चलाकर भागते नजर आते थे. सुबह में भी यही हाल होता था, जिसके कारण इन्हीं समय में शहरी क्षेत्र में दुर्घटनाएं ज्यादा होती थीं. अभी भी नो एंट्री के बाद शहरी क्षेत्र से बड़े वाहन गुजरते हैं, लेकिन बाईपास चालू होने के बाद अब इनकी संख्या पहले के बनिस्बत कम हो गई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है