भरत चौधरी हत्याकांड में आरोपित को आजीवन कारावास की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम राजेश पाण्डेय की अदालत ने भरत चौधरी हत्याकांड मामले में दोषी करार अभियुक्त शत्रुध्न भगत को आजीवन कारावास की सजा सुनाय
जहानाबाद नगर
. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम राजेश पाण्डेय की अदालत ने भरत चौधरी हत्याकांड मामले में दोषी करार अभियुक्त शत्रुध्न भगत को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. आरोपी अरवल जिले के हसनपुरा गांव का रहने वाला बताया जाता है. मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक मो आफाक आलम ने बताया कि यह मामला अरवल थाना 56/06 से संबंधित है, जिसमें मृतक का पिता सीताराम चौधरी ने नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अपने फर्दबयान में बताया था कि मामूली विवाद को लेकर 9 जुलाई 2006 को दोपहर में हसनपुरा गांव के ही रहने वाले शत्रुध्न भगत अन्य अभियुक्तों के साथ लाठी-डंडे लेकर घर में घुस आया और गाली-गलौज करने लगा. साथ ही भरत चौधरी को मारते पीटते हुए बगल के गंगा दयाल के खेत में ले जाकर पीट-पीट कर हत्या कर दिया था. वहीं हल्ला-हंगामा होने पर अभियुक्तगण मौके से फरार हो गए थे. लिहाजा मामला न्यायालय पहुंचा, जहां अभियोजन कि ओर से मामले में ग्यारह गवाहों कि गवाही करायी गयी थी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम राजेश पाण्डेय की अदालत ने अभियोजन एवं बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद गवाहों के मद्देनजर रखते हुए मामले में सुनवाई करते हुए अभियुक्त को दोषी करार दिया. साथ ही सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए भारतीय दंड विधि की धारा 302 के तहत आरोपी शत्रुध्न भगत को आजीवन सश्रम कारावास एवं बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं अर्थदंड कि राशि भुगतान नहीं करने पर अभियुक्त को तीन महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
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