Bihar News: जहानाबाद में जागरण के नाम पर बार-बालाओं के अश्लील डांस, वीडियो वायरल के बाद आयोजक पर प्राथमिकी दर्ज
Bihar News: जहानाबाद जिले के सिकरिया उच्च विद्यालय के मैदान में जागरण के नाम पर बार-बालाओं के अश्लील डांस परोसा गया. जब इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तो प्रशासन ने आनन फानन में कार्रवाई की है.
Bihar News: बिहार के जहानाबाद जिले के सिकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सिकरिया उच्च विद्यालय के मैदान में 11 अक्टूबर की रात जागरण के नाम पर बार-बालाओं के अश्लील डांस के मामले में स्थानीय थाने में आयोजक पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सिकरिया दुर्गा स्थान पर स्टैटिक दंडाधिकारी कृषि समन्वयक अनिल कुमार के लिखित शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि बगैर लाइसेंस के सिकरिया हाइस्कूल कैंपस में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. मना करने के बावजूद आयोजक राजकुमार सिंह जो सिकरिया के रहने वाले हैं, के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया जिसके कारण मेले में विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी.
सांस्कृतिक कार्यक्रम की वजह से उत्पन्न हुई थी विधि-व्यवस्था की समस्या
हालांकि हैरत की बात यह है कि थाने से महज कुछ ही दूरी पर आयोजित बार-बालाओं के डांस का वीडियो वायरल हुआ तब जाकर प्रशासन की नजर खुली और कानूनी कार्रवाई की गयी. सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर भीड़ से खचाखच भरा सिकरिया मैदान में रात के सन्नाटे में परोसे जा रहे अश्लील आर्केस्ट्रा डांस के विरूद्ध स्थानीय थाने की पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने में तीन दिनों का समय लग गया. पुलिस को दिये शिकायत में भी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी ने बताया है कि सांस्कृतिक कार्यक्रम की वजह से ही विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी और आयोजन स्थल से कुछ ही दूरी पर अपराधियों द्वारा की गई गोलीबारी की घटना में सिपाही के जवान समेत दो युवकों के जख्मी हुए थे.
कई गांवों के लोगों ने उठाया था लुत्फ, प्रशासन रही अनभिज्ञ
वायरल वीडियो के मामले में जब स्थानीय थाना से लेकर पुलिस के वरीय पदाधिकारी से इस संदर्भ में पूछताछ किया गया था तो उन्होंने कार्यक्रम की जानकारी नहीं होने की बात बताई थी. जबकि सिकरिया मैदान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को पड़ोस के गांव बिस्टौल, इसेबिगहा, कुंभवा, सिकरिया जैसे कई गांव के सैकड़ों लोगों ने नग्न आंखों से देखा एवं कानों से सुना तो फिर ड्यूटी में तैनात प्रशासनिक पदाधिकारी एवं पुलिस कर्मियों को इसकी भनक कैसे नहीं लगी या फिर प्रशासन अनभिज्ञ बन चुपचाप रहकर कानूनी कार्रवाई करने से परहेज कर रही थी.