पुराने डीइओ कार्यालय में लगेगी सीटी स्कैन मशीन

्रभात खबर में छपी खबर के बाद डीएम अलंकृता पांडेय तुरंत एक्शन में आ गए और उन्होंने सिविल सर्जन तथा जिला स्वास्थ्य प्रबंधक को 15 दिनों के अंदर जिले में सिटी स्कैन मशीन लगाने का निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 10:36 PM

जहानाबाद. प्रभात खबर में छपी खबर के बाद डीएम अलंकृता पांडेय तुरंत एक्शन में आ गए और उन्होंने सिविल सर्जन तथा जिला स्वास्थ्य प्रबंधक को 15 दिनों के अंदर जिले में सिटी स्कैन मशीन लगाने का निर्देश दिया. डीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और आनन-फानन में सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए स्थल का चयन कर लिया गया. जब कि पिछले कई वर्षों से इसके लिए जमीन नहीं मिल रही थी. सदर अस्पताल के सामने पुराने डीईओ कार्यालय को इसके लिए उपयुक्त पाया गया. इसके बाद जिलाधिकारी ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी को पुराने डीइओ कार्यालय को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर करने का निर्देश दिया. संभवत: एक से दो दिनों में यह भवन स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया जायेगा. इसके बाद वहां सीटी स्कैन मशीन लगाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी. ज्ञात हो कि जिले के लोगों को सरकारी स्तर पर आज तक सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पायी है. जबकि अरवल जैसे छोटे जिले में भी सरकारी स्तर पर या सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. कुछ दिन पहले ही अरवल में सीटी स्कैन मशीन का उद्घाटन किया गया था. जबकि जहानाबाद जैसे बड़े जिले में यहां के लोगों को अभी तक यह सुविधा मयस्सर नहीं हुई है. इसी से संबंधित खबर प्रभात खबर ने अपने 31 अगस्त के जहानाबाद अंक में पृष्ठ संख्या तीन पर के सरकारी अस्पताल में नहीं है सीटी स्कैन की सुविधा हेडलाइन से लीड खबर छापी थी. खबर छपने के तुरंत बाद डीएम अलंकृत पांडेय एक्शन में आ गयीं. इसके बाद वर्षों से जमीन के लिए लटका मामला एक दिन में ही सॉल्व हो गया. वहीं सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग के राज्य मुख्यालय से कई बार सर्वेक्षण की टीम आ चुकी है. हालांकि सर्वेक्षण टीम को अभी तक सीटी स्कैन मशीन स्थापित करने और उसकी सेवा जनता को उपलब्ध कराने के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल पायी है. सर्वेक्षण की टीम आयी उसने सदर अस्पताल का दौरा किया जहां सीटी स्कैन के लिए उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई जिसके कारण सेवा उपलब्ध कराये जाने के लिए बीएमआरसीएल के द्वारा टेंडर नहीं निकाला गया. तत्कालीन डीएम के आने के बाद अस्पताल के विकलांग पुनर्वास केंद्र में डायलिसिस सेंटर स्थापित करने की अनुशंसा के बाद वहां सर्वेक्षण टीम ने जगह को उपयुक्त पाया जिसके बाद डायलिसिस सेंटर का की स्थापना की जा सकी.

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