तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मरीज, जिले में नहीं है प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा

प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा नहीं है जिसके कारण डेंगू के गंभीर मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए पटना जाना पड़ता है. कई ऐसे गंभीर बीमारियां हैं जिससे प्रभावित मरीज का प्लेटलेट्स

By Prabhat Khabar News Desk | September 7, 2024 11:07 PM

जहानाबाद.

जिले में मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा नहीं है जिसके कारण डेंगू के गंभीर मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए पटना जाना पड़ता है. कई ऐसे गंभीर बीमारियां हैं जिससे प्रभावित मरीज का प्लेटलेट्स गिर जाता है किंतु इनमें डेंगू सबसे प्रमुख बीमारी है जिसमें प्लेटलेट्स बहुत तेजी से नीचे गिरता है. इस समय डेंगू जिले में अपना पैर पसार रहा है. डेंगू की बीमारी में कुछ दिनों के बाद मरीज का प्लेटलेट्स काउंट्स बहुत नीचे चला जाता है. इसके बाद उसकी स्थिति खराब होने लगती है और उसे प्लेटलेट्स जाना बहुत जरूरी हो जाता ह, वरना उसकी जान भी जा सकती है. किंतु जिले में प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए पटना जाना पड़ता है. इसके अलावा कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों में भी मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है. ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए बाहर से प्लेटलेट्स चढ़ानी जरूरी हो जाती है. स्वस्थ व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या दो लाख से अधिक होती है किंतु डेंगू सहित कई बीमारियों से पीड़ित होने पर किसी भी व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट की संख्या घटने लगती है. अगर यह संख्या डेढ़ लाख से नीचे चली जाती है तो मरीज का शरीर कमजोर पड़ने लगता है. बीमारी से लड़ने में उसे दिक्कत आने लगती है. जैसे-जैसे प्लेटलेट्स की संख्या घटती है वैसे-वैसे मरीज और भी कमजोर हो जाता है, जब मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 50 हजार से नीचे चली जाती है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर प्रतिदिन या फिर सुबह शाम प्लेटलेट्स काउंट किया जाता है, क्योंकि अचानक प्लेटलेट ज्यादा गिर जाने के कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. प्लेटलेट्स की संख्या 20 हजार से कम होने पर मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ना जरूरी हो जाता है. अब चूंकि जहानाबाद जिले में प्लेटलेट्स उपलब्ध ही नहीं होता तो उसे चढ़ाया कैसे जाएगा. जिले में ऐसे ज्यादातर मरीज निजी क्लीनिक और निजी अस्पताल में इलाज करते हैं. इन मरीजों का प्लेटलेट्स जब गिरने लगता है और उन्हें प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है तो वह पटना चले जाते हैं. चिकित्सक भी जिन मरीजों का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है उन्हें पटना रेफर कर देते हैं क्योंकि जहानाबाद जिले में प्लेटलेट्स उपलब्ध ही नहीं है.

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