जहानाबाद नगर
. सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों का काउंसेलिंग गुरुवार से ही जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में होने लगा है. शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षकों का काउंसेलिंग हुआ. काउंसेलिंग के लिए चार काउंटर बनाये गये थे जहां शिक्षकों को स्लॉट के आधार पर कागजातों का मिलान किया गया. हालांकि इस दौरान शिक्षा विभाग की नजर वैसे शिक्षकों पर रहा जिनका कागजात संदिग्ध मिला. ऐसे शिक्षकों के कागजातों का मिलान नहीं हो पाया. काउंसेलिंग के पहले दिन भी ऐसे नौ शिक्षक मिले थे, जिनके द्वारा सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन के क्रम में जो कागजात बोर्ड के वेबसाइट पर सब्मिट किया गया था उससे अलग काउंसेलिंग के दौरान कागजात थे. दूसरे दिन भी ऐसे आठ शिक्षक मिले जिनका कागजात संदिग्ध था. विभाग ऐसे शिक्षकों पर पैनी नजर बनाये हुए है, ताकि उनके कागजातों का सही तरीके से जांच हो सके. काउंसेलिंग के दूसरे दिन पहुंचे शिक्षकों का पहले आधार और बायोमीटरिक जांच के बाद ही कागजातों का मिलान किया गया. स्लॉट के अनुसार शिक्षक काउंसेलिंग के लिए संबंधित काउंटर पर पहुंच रहे थे. काउंटर पर पहुंचने से पूर्व शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी लगाने की व्यवस्था की गयी थी. ऑनलाइन हाजिरी के बाद आधार और बायोमीटरिक जांच होने पर शिक्षक स्लॉट के अनुसार संबंधित काउंटर पर कागजातों का मिलान के लिए पहुंच रहे थे. काउंसेलिंग के दूसरे दिन माध्यमिक शिक्षक के प्रमाण पत्रों का मिलान किया गया. जिसमे 200 शिक्षकों को काउंसेलिंग में शामिल होना था. इनमें 191 शिक्षक काउंसेलिंग में शामिल हुए. इनमें 183 शिक्षकों के प्रमाण पत्र सही पाये गये. जबकि 8 के कागजात डाउटफुल पाये गये. वही सात ऐसे शिक्षक थे जिनके नंबर पर ओटीपी नहीं आ रहा था. काउंटर पर शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा का आवेदन करते समय जिन प्रमाण पत्रों को बोर्ड के वेबसाइट पर अपलोड किया गया था उन सभी कागजातों का ऑरिजनल पेपर से मिलान किया गया. सभी कागजात सही पाये जाने पर ऑरिजनल कागजात शिक्षकों को वापस कर दिया गया. जबकि उसका एक स्व-अभिप्रमाणित कॉपी जमा कराया गया. इस दौरान अगर किसी शिक्षक के कागजात डाउटफुल पाये गये तो उन्हें अलग रखा गया ताकि उनके लिए अलग से डेट निर्धारित हो सके और प्रमाण पत्रों का मिलान किया जा सके. काउंसेलिंग में शामिल होने के लिए जिले के शिक्षकों के अलावे किशनगंज, कटिहार सहित अन्य जिलों के शिक्षक पहुंचे हुए थे जिन्हें सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद जहानाबाद जिला अलॉट किया गया था. प्रमाण पत्रों के मिलान के बाद उसकी जांच के लिए जांच अधिकारी के रूप में डीपीओ स्थापना दिनेश कुमार पासवान, डीपीओ योजना लेखा शुभम शेखर, बीइओ काको मोहन चौधरी आदि उपस्थित थे.
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