एक घंटे तक बेड पर पड़ा रहा मरीज, बगैर इलाज के ही हो गयी मौत
सदर अस्पताल में अव्यवस्था का यह आलम है कि घंटे पड़े रहने के बाद मरीज बगैर इलाज के ही दम तोड़ दे रहे हैं.
जहानाबाद.
सदर अस्पताल में अव्यवस्था का यह आलम है कि घंटे पड़े रहने के बाद मरीज बगैर इलाज के ही दम तोड़ दे रहे हैं. भीषण गर्मी और हीट वेव के कारण अस्पताल में इतनी मरीज आ रहे हैं कि उनके लिए पीकू वार्ड में बने इमरजेंसी में बेड नहीं मिल रहा है. इसके बाद कई मरीजों को भर्ती करने के लिए फैब्रिकेटेड महिला वार्ड में भेजा गया, किंतु वहां लू, गर्मी और सन स्ट्रोक की दवा मौजूद नहीं होने तथा पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी नहीं होने के कारण भी मरीज दम तोड़ रहे हैं. मखदुमपुर ढकनीबिगहा के अंबिका सिंह सन स्ट्रोक का शिकार होने के बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल आए थे. इससे पहले सुबह जब वह बीमार हुए तो उन्हें मखदुमपुर रेफरल अस्पताल ले जाया गया था, वहां से उनकी स्थिति सुधर गई और दोपहर में वह घर लौट गए. शाम में जब फिर स्थिति बिगड़ी तो उनके परिजन उन्हें लेकर जहानाबाद सदर अस्पताल आए. सदर अस्पताल की इमरजेंसी में में उनका पुर्जा काटा गया जिस पर बीपी, टेंपरेचर आदि जांचने के लिए लिखा गया. इमरजेंसी में बेड नहीं रहने के कारण उन्हें फैब्रिकेटेड महिला वार्ड में भेज दिया गया, जहां उनके परिजन उन्हें लेकर 1 घंटे तक गुहार लगाते रहे, किंतु कोई भी सुई और दवा करना तो दूर उनका बीपी और टेंपरेचर भी नहीं नापा, जिसके कारण एक घंटा के इंतजार के बाद उन्होंने बिना इलाज के ही फैब्रिकेटेड महिला वार्ड में ही दम तोड़ दिया. उनका भतीजा वरुण सिंह ने बताया कि वे अपने चाचा को लेकर यहां डेढ़ घंटे से इंतजार कर रहे थे लेकिन न तो कोई देखने आया और न ही कोई सुई-दवाई हुआ. इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई. इस मामले में पूछे जाने पर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके नंदा ने कहा कि फैब्रिकेटेड बिल्डिंग में महिला मरीजों का इलाज होता है, इसलिए यहां लू से संबंधित दवा नहीं थी. दवा लाने का आदेश दिया गया, जिसके बाद अब दवा आ गई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है