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शहर के निजामउद्दीनपुर छठ घाट पर पसरी है गंदगी

शहर के निजामउद्दीनपुर छठ घाट की सफाई अभी तक शुरू नहीं करायी गयी है जिसके कारण निजामउद्दीनपुर और आसपास के छठ व्रत करने वाले श्रद्धालुओं में निराशा है.

जहानाबाद.

शहर के निजामउद्दीनपुर छठ घाट की सफाई अभी तक शुरू नहीं करायी गयी है जिसके कारण निजामउद्दीनपुर और आसपास के छठ व्रत करने वाले श्रद्धालुओं में निराशा है. शहर के निजामउद्दीनपुर छठ घाट पर भी बड़े पैमाने पर आसपास के लोग छठ व्रत करने के लिए यहां आते हैं जिसमें सैकड़ों की संख्या में छठ व्रती अर्घ देने आते हैं. जबकि उनके सगे-संबंधी और श्रद्धालुओं की संख्या मिलकर दस हजार से अधिक की संख्या में लोग पहुंचते हैं. नगर परिषद की ओर से अभी तक इस घाट की सफाई शुरू नहीं करायी गयी है. छठ घाट और उसके आसपास गंदगी अंबार लगा है. घाट की सीढ़ियां और अराड़ पर गंदगी फैली हुई है. घाट पर पानी रोकने के लिए बनाये गये छोटे से तालाब रूपी घेरे में पानी नहीं है. पानी की जगह उसमें भी गंदगी भरी है. नदी के छठ घाट आने-जाने वाले रास्ते पर भारी गंदगी पसरी हुई है. खासकर काको जाने वाले पुल के नीचे से छठ घाट की ओर आने वाले रास्ते के पास गंदगी का अम्बार लगा है. नगर परिषद द्वारा पुल के नीचे शहर भर का कूड़ा लाकर फेंका जाता है. यह कूड़ा रास्ते के किनारे यहां-वहां पसरा है. वर्तमान समय में नदी और नदी घाट पर गंदगी के अलावा नदी में जमा पानी भी काफी गंदा है. घाट पर पानी की गंदगी का हाल यह है कि उसमें बदबू आ रही है. ऐसे में उस गंदे पानी में छठ व्रत कर अर्घ देना मुश्किल लगता है. अभी तक नदी में जमा गंदे पानी को साफ का भी कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. गंदे पानी को रोकने का प्रयास भी नहीं किया गया है. छठ घाट और छठ घाट के आगे बने तालाब की सफाई के बाद तालाब और छठ घाट की जमीन पर ब्लीचिंग पाउडर छिड़कना होगा जिसके बाद ही घाट पर फैली बदबू कुछ कम होगी. इसके के बाद फिर मोटर से शुद्ध और स्वच्छ जल नदी के किनारे बने छोटे से तालाब में भराना पड़ेगा, तभी उसमें व्रतियां उस स्वच्छ जल में अर्थ दे पाएंगी. पिछले छठ पूजा के बाद से निजामउद्दीनपुर में छठ घाट और उसके आसपास के इलाके में सफाई का कार्य नहीं किया गया है. छठ घाट की सीढ़ियों पर गंदगी और पूजा के सामान पसरे हैं. हिंदी पंचांग के अनुसार हिंदी महीने की अमावस्या को दीपावली होती है. दीपावली के अवसर पर भी इस छठ घाट पर लोग दीपोत्सव मनाने आते हैं जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में नदी के किनारे स्नान कर दीपक जलाते हैं. दीपावली के चौथे दिन छठ व्रत का नहाय-खाय होगा. नहाय-खाय के अवसर पर बड़ी संख्या में छठ व्रतियां नदी में स्नान करने जाती हैं. इसी दिन नदी किनारे भी खरना के प्रसाद के लिए गेहूं धोया और सुखाया जाता है. इसके बाद उसके अगले दिन खरना के अवसर पर नदी पर ही प्रसाद बनाने के लिए भी बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचती हैं.

एक दशक से घाट पर हो रहा है छठ पर्व : पिछले एक दशक से इस छठ घाट पर लोग छठ पर्व का आयोजन कर रहे हैं. दरधा-जमुना नदी जहानाबाद के ठाकुरबाड़ी- संगम घाट पर मिलकर आगे बढ़ती है, वही नदी निजामउद्दीनपुर के सामने से बहती है. इस इलाके में कई अपार्टमेंट बन गये हैं. अपार्टमेंट के लोग और निजामउद्दीनपुर के आसपास श्रद्धालु छठ पर्व करने इस घाट पर आते हैं. पहले लोग इसी छठ घाट पर नदी के अराड़ पर ही छठ पर्व करते थे. आज से छह साल पहले राज्यसभा सांसद महेंद्र प्रसाद की निधि से इस छठ घाट का पक्कीकरण कराया गया था जिसमें 10 लाख की लागत से घाट पर पक्की सीढ़ियां दोनों और छठ घाट का घेरा और घाट पर छोटा सा तालाबनुमा आकृति बनायी गयी थी. तब से लोग इसी पक्के छठ घाट पर अर्घ देते हैं.

क्या कहते हैं मुख्य पार्षदनिजामउद्दीनपुर छठ घाट सहित शहर के सभी घाटों की सफाई, पानी की व्यवस्था, लाइटिंग तथा साज-सज्जा का निर्देश नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया है.

रूपा देवी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, जहानाबाद

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