जहानाबाद. शहर के वार्ड नंबर 16 और 18 के विभिन्न मुहल्लों में इन दिनों लोगों को भारी पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है. यह हाल पिछले एक सप्ताह से बना हुआ है जिसके कारण इस मुहल्ले के लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं. वार्ड नंबर 16 के मुहल्लों में पिछले एक सप्ताह से कभी नल जल की पाइप से पानी नहीं आता है और जब आता है तो गंदा पानी आता है. खासकर शिवाजी पथ, पुरानी अस्पताल रोड और गड़ेरिया खंड मुहल्ले में भारी पेयजल संकट है. गर्मी में तो इन मुहल्ले के लोग भीषण पर जल संकट का सामना कर रहे थे. उस समय पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही थी. इसके बाद जब सप्लाई शुरू हुई तो अगस्त के महीने में इन मोहल्लों में नल-जल की पाइप से गंदा पानी आने लगा था. बाद में इसमें सुधार हुई और फिर से साफ पानी की आपूर्ति हो पायी, किंतु पिछले एक सप्ताह से फिर से शिवाजी पथ और आसपास के मुहल्ले में नल जल की पाइप से गंदा पानी आ रहा है.
बदबूदार पानी पीना, तो दूर घर धोने के काम में भी नहीं आ रहा
पड़ोसियों के सबमर्सिबल से पानी लेकर प्यास बुझा रहे हैं लोग
दोनों मुहल्ले के घरों में कभी पानी गिरता है कभी नहीं. जब पानी आता है तो गंदा पानी आता है. कभी पानी इतना गंदा होता है कि उससे नाली की बदबू आती है. इसे पीना तो दूर लोग घर की सफाई भी नहीं कर सकते हैं तो कभी मटमैला पानी आता है. जैसे कपड़े धोने के दौरान जो पानी कपड़े से निकलता है, उस तरह का पानी होता है. इन मुहल्ले में ज्यादातर लोग गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के हैं. कुछ घरों में जिनके यहां सबमर्सिबल लगा है. उन्हें पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ता है किंतु जिन घरों में सबमर्सिबल नहीं है. वैसे घर के लोगों को इन दिनों भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जिनके घरों में सबमर्सिबल नहीं है उनके लिए पेयजल का एकमात्र सहारा नल -जल ही है. अब जब नल -जल से गंदा पानी आ रहा है, तब वैसे घर के लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. वैसे लोग आस-पड़ोस के जिन घरों में सबमर्सिबल लगा है, उनके यहां से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. पीने के लिए तो अपनी किसी प्रकार आस-पड़ोस से ले लेते हैं किंतु नहाने बर्तन धोने और कपड़ा साफ करने के लिए उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शिवाजी पथ में सड़क के उत्तर वार्ड 16 के लोग निवास करते हैं. जबकि रोड से दक्षिण वार्ड 18 के लोग रहते हैं. शिवाजी पथ के निवासी देवानंद ने बताया कि उनके घर के लोग सप्लाई से आने वाले पानी पर ही निर्भर थे. पिछले अगस्त महीने में भी नल -जल की पाइप से गंदा पानी आ रहा था, जिसके कारण उन्हें पेयजल के लिए भी पड़ोस के लोगों से गुहार लगानी पड़ी. ऐसे में उन्हें आनन-फानन में सबमर्सिबल गड़वानी पड़ी है. जितने दिन सबमर्सिबल लगाने में लगा इतने दिन उन्होंने पड़ोसी से पानी लेकर काम चलाया. मगर जिन लोगों के पास सबमर्सिबल करवाने की क्षमता नहीं है. ऐसे लोग अभी भी नल-जल की सप्लाई से ही अपनी प्यास बुझा रहे हैं किंतु फिर से पिछले एक सप्ताह से नल जल की सप्लाई से गंदा पानी आने के कारण ऐसे लोगों के सामने पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है