ड्यूटी से फरार रहने वाले दारोगा समेत 50 पुलिस कर्मियों से मांगा स्पष्टीकरण
छठ पूजा के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले जिले के विभिन्न स्थानों में पदस्थापित 50 पुलिसकर्मियों से ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में स्पष्टीकरण पूछा गया है.
जहानाबाद
. छठ पूजा के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले जिले के विभिन्न स्थानों में पदस्थापित 50 पुलिसकर्मियों से ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में स्पष्टीकरण पूछा गया है. स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर कार्रवाई भी हो सकती है. फिलहाल सभी गायब पुलिसकर्मियों को पुलिस केंद्र जहानाबाद में शो-कॉज के साथ योगदान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. एसपी अरविंद प्रताप सिंह के हवाले से जारी निर्देश में पुलिस उपाधीक्षक रक्षित पुलिस केंद्र, लेखपाल, पुलिस अधीक्षक कार्यालय प्रभारी सेवा पुस्तिका संबंधित, थानाध्यक्ष, कार्यालय अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अंचल पुलिस निरीक्षक एवं संबंधित पुलिस पदाधिकारी को पत्र भेज कर सूचित किया गया है. ड्यूटी से गायब रहने वालों में पुलिस अवर निरीक्षक से लेकर सिपाही तक शामिल हैं. ड्यूटी में लापरवाही बरतने व छठ पूजा के दौरान अपने कर्तव्य से फरार रहने वालों में परसबिगहा थाना में पदस्थापित महिला पुलिस अवर निरीक्षक ब्यूटी कुमारी, सहायक अवर निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मी शामिल हैं. जबकि उमता-धरनई के सहायक अवर निरीक्षक सिद्धनाथ कुमार समेत छह लोग ड्यूटी से गायब पाये गये हैं. हुलासगंज थाने के दो सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार, प्रभाग कुमारी समेत तीन लोग शामिल हैं. कल्पा थाने के सैप बल समेत दो लोग, भेलावर के दो पुलिस अवर निरीक्षक रविंद्र कुमार सिंह, ओमप्रकाश प्रसाद, विशुनगंज थाने के पुलिस अवर निरीक्षक परशुराम सिंह समेत दो महिला थाने के सहायक अवर निरीक्षक शैलू कुमारी, सिकरिया थाना के दो, पाली थाना के पांच, टेहटा थाना के सहायक अवर निरीक्षक मीरा कुमार राय, वहीं पुलिस केंद्र में कार्यरत महिला सिपाही समेत 12 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से अनुपस्थित पाया गया है. जबकि अनुसूचित जाति-जनजाति थाना में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक हुलास बैठा, क्यूआरटी घोसी के एक, ओकरी ओपी समेत चार एवं शकुराबाद थाने के सहायक अवर निरीक्षक रामनाथ पासवान समेत दो लोग ड्यूटी से गायब पाये गये हैं. पत्र में कहा गया है कि पुलिस उपाधीक्षक रक्षित को निर्देश दिया जाता है कि सभी नियंत्री पदाधिकारी इस आशय का स्पष्टीकरण प्राप्त करेंगे कि उनके द्वारा कर्तव्य से फरार पुलिस कर्मियों का प्रतिवेदन स्वत: क्यों नहीं समर्पित किया गया. साथ ही इसे क्यों न संबंधित नियंत्री पदाधिकारियों का अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण का अभाव माना जाये.
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