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एंबुलेंस नहीं मिलने पर ठेला पर लाश ले जाने पर मजबूर हुए परिजन

सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने पर शव को घर पहुंचने के लिए अस्पताल प्रशासन के द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराये जाने पर उनके परिजन ठेला पर लाश ले जाने को विवश हो गये.

जहानाबाद.

सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने पर शव को घर पहुंचने के लिए अस्पताल प्रशासन के द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराये जाने पर उनके परिजन ठेला पर लाश ले जाने को विवश हो गये. अस्पताल प्रशासन की इस नाकामी को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध किया. ज्ञात हो कि बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सरकारी अस्पताल में किसी भी मरीज की मौत के बाद उसके शव को घर पहुंचने के लिए फ्री में एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाती है. जबकि जहानाबाद सदर अस्पताल में अस्पताल प्रशासन इस सेवा को उपलब्ध कराने में विफल रहा. दरअसल जहानाबाद शहरी क्षेत्र के शांति नगर में रहने वाली लाल मुनी देवी को इलाज के लिए बुधवार को सदर अस्पताल में लाया गया था. उनकी तबीयत खराब थी और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गयी. उनके साथ आए उनके परिजन कांति देवी ने बताया कि वे लोग नालंदा जिले के एकंगरसराय के रहने वाले हैं लेकिन फिलहाल जहानाबाद शहर में शांति नगर में रहते हैं. उनके परिजन लालमुनी देवी की कल अचानक तबीयत खराब हो गयी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई. उनके शव को जब घर ले जाने के लिए अस्पताल के चिकित्सक और प्रबंधन से गुहार लगाई गई तो उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया. इधर अस्पताल में एंबुलेंस चालक के द्वारा बताया गया कि एंबुलेंस से स्टार्ट नहीं हो रहा है. इसके बाद वे अपने स्तर पर एक ठेला लाकर परिजन के शव को घर ले जा रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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