दोहरे हत्याकांड में बाप-बेटा दोषी करार
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय जावेद अहमद खान की अदालत ने कोसडिहरा निवासी अमरेंद्र शर्मा व अरविंद शर्मा के हत्या के मामले में बिट्टू कुमार उर्फ बालाजी एवं उसके पिता सुधीर कुमार को दोषी पाया है.
जहानाबाद नगर. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय जावेद अहमद खान की अदालत ने कोसडिहरा निवासी अमरेंद्र शर्मा व अरविंद शर्मा के हत्या के मामले में बिट्टू कुमार उर्फ बालाजी एवं उसके पिता सुधीर कुमार को दोषी पाया है. बताते चलें कि दोनों अभियुक्तों का चरित्र आपराधिक रहा है और पूर्व में भी इन दोनों के कई कारनामे गांव वालों से सुनी गयी है. अभियुक्त ग्राम कोसडीहरा परसबिगहा थाना क्षेत्र का रहने वाला है. दोनों मामलों में सरकार की ओर से मामले में पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक बिंदु भूषण प्रसाद ने बताया की दोनों मामला परसबीगहा थाना से संबंधित है. पहला मामला है कि मृतक अमरेंद्र कुमार ने अपने फर्दबयान में बताया था कि 11 अक्तूबर 2019 को दोपहर में अपने घर से जहानाबाद मोटरसाइकिल से जा रहे थे, इसी बीच पूर्व के आपसी विवाद को लेकर सुधीर कुमार एवं उसका पुत्र बिट्टू कुमार उर्फ बालाजी दोनों पिस्तौल से फायर कर दिया, गोली अमरेंद्र कुमार के पेट में लगी और वह जख्मी होकर नीचे गिर गया, तभी कर्राहने कि आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीण व परिवारवालों के सहयोग से आनन-फानन में जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसे बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां 18 दिनों बाद इलाज के क्रम में अमरेंद्र शर्मा की मौत हो गयी. परसबिगहा थाना में दोनों नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी 212/19 दर्ज किया गया. बताते चलें कि अभियुक्त बिट्टू कुमार को जुवेनाइल घोषित किया गया, कुछ दिनों बाद अभियुक्त बिट्टू कुमार बाल गृह से भाग कर अमरेंद्र हत्याकांड मुकदमे में गवाह रहे बड़े भाई अरविंद कुमार को मुक़दमे में समझौता करने एवं मुक़दमा वापस लेने की धमकी देने लगा. अंततः अभियुक्त बिट्टू कुमार साजिश रच कर अन्य अभियुक्तों के साथ के 13 नवंबर 2022 को अरविंद शर्मा कि दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. दोनों मुकदमों में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय जावेद अहमद खान की अदालत ने गवाहों की गवाही के मद्देनजर रखते हुए दोनों मामले में सुनवाई करते हुए भारतीय दंड विधि की धारा 302 एवं 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अभियुक्त सुधीर कुमार, बिट्टू कुमार उर्फ बालाजी को दोषी करार दिया. वहीं सबूतों के अभाव में अन्य अभियुक्त जयंती देवी, रुचि कुमारी, रेणु देवी एवं अप्राथमिकी अभियुक्त अमन कुमार उर्फ रोहित को न्यायालय द्वारा रिहा कर दिया गया. वहीं सजा के के बिंदु पर सुनवाई 17 मई को अगली तिथि मुकर्रर की है.
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