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ओपीडी में 97 प्रतिशत मरीज आभा एप से करा रहे रजिस्ट्रेशन, लंबी कतार से मिली मुक्ति

Jehanabad news सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को अब पर्ची कटाने के लिए लंबी कतार के झंझट से मुक्ति मिल गया है.

जहानाबाद नगर.

सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को अब पर्ची कटाने के लिए लंबी कतार के झंझट से मुक्ति मिल गया है. ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मरीज या उनके परिजन अब आभा एप से निबंधन करा रहे हैं. इससे उन्हें लंबी कतार से मुक्ति तो मिल ही रहा है, इलाज में समय का भी बचत हो रहा है. मरीज अपने मोबाइल पर आभा एप के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन कर अपना टोकन प्राप्त कर रहे हैं. क्यूआर कोड रजिस्ट्रेशन काउंटर के आसपास चिपकाया गया है जिसका लाभ मरीज उठा रहे हैं. कुछ वैसे मरीज भी हैं जिनके पास एंड्रायड मोबाइल नहीं है, उनके मदद के लिए कर्मियों को लगाया गया है जो उनका आधार कार्ड के आधार पर उनका आभा एप में निबंधन कर रहे हैं जिससे वैसे मरीजों को भी लंबी कतार में लगने से मुक्ति मिल रही है. हालांकि दो प्रतिशत मरीज अभी भी वैसे हैं जिनके पास मोबाइल उपलब्ध नहीं है या वे अपना आधार कार्ड लाना भूल गये हैं, वैसे मरीजों का ऑफलाइन निबंधन करा उनका इलाज किया जा रहा है. आभा एप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की विधिवत शुरूआत जून माह में हुआ था. जून माह में सदर अस्पताल में मात्र 17 प्रतिशत मरीजों द्वारा ही आभा एप के माध्यम से निबंधन कराया जाता था. लेकिन जुलाई में शत प्रतिशत मरीज आभा एप से निबंधन कराने लगे. अगस्त माह में 97 प्रतिशत से अधिक मरीजों ने आभा एप से निबंधन कराया. जबकि सितंबर माह में अब तक 99 प्रतिशत मरीजों द्वारा एप के माध्यम से निबंधन करा इलाज कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जून माह में ओपीडी में 21935 मरीजों का इलाज हुआ था इनमें मात्र 3879 मरीजों ने ही आभा एप के माध्यम से निबंधन कराया था. वहीं जुलाई माह में 18376 मरीजों का इलाज ओपीडी में हुआ. सभी ने एप के माध्यम से निबंधन कराया. अगस्त माह में 17897 मरीजों ने ओपीडी में इलाज कराया. इनमें 17490 ने एप के माध्यम से निबंधन कराया है. जबकि सितंबर माह में अब तक 4641 मरीजों का इलाज ओपीडी में हुआ है. इनमें 4617 मरीजों ने एप के माध्यम से निबंधन कराया है.

कैसे होता है आभा एप से रजिस्ट्रेशन : आभा एप से रजिस्ट्रेशन के लिए अपने मोबाइल पर आभा एप को डाउनलोड करना हेाता है. उसके बाद मोबाइल नंबर से आभा एप को लॉग-इन करें. इसके बाद अस्पताल के काउंटर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करें. आभा आइडी चुनने के बाद अपना डिटेल्स देख लें. डिटेल्स कंफर्म करने के बाद शेयर बटन को क्लिक करें. शेयर करते ही जानकारी रजिस्ट्रशन काउंटर पर स्वत: साझा हो जाता है. आभा आइडी बनाने की सुविधा नि:शुल्क है. रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद चिकित्सक से इलाज कराया जाता है. इसके बाद दी गयी दवाइयां व जांच सहित अन्य डाटा पोर्टल पर उपलब्ध रहता है. मरीज अगली बार कभी भी इलाज कराने आता है तो डॉक्टर के पास उस मरीज की सारी जानकारी होती है. इससे इलाज के लिए मरीज के लक्षण व बीमारी आदि के बारे में बार-बार पूछना नहीं पड़ता है.

इमरजेंसी में अब तक लागू नहीं हुआ है आभा एप की सुविधा : सदर अस्पताल के इमरजेंसी में अब भी ऑफलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन होता है. अब तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं हुआ है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया. हालांकि बीते दिन अस्पताल में हुए हंगामे के दौरान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए लगाये गये मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिये जाने के कारण इमरजेंसी में अभी भी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा है. हालांकि अगले कुछ दिनों में ही इमरजेंसी में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध हो जायेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी

ओपीडी में आने वाले सभी मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा अपना इलाज करा रहे हैं. मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. इसके लिए कई कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है जो वैसे मरीजों का रजिस्ट्रेशन करते हैं जिनके पास मोबाइल नहीं होता या जिन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना नहीं आता.

डॉ प्रमोद कुमार, प्रभारी अधीक्षक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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