कभी इधर तो कभी उधर सड़क किनारे फेंका जा रहा है शहर से निकलने वाला कूड़ा
नगर परिषद क्षेत्र से उठाए जाने वाले कूड़े को डंप करने के लिए फिलहाल कोई कार्यरत डंपिंग जोन जिले में नहीं है जिसके कारण शहरी क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा कभी इधर तो कभी उधर सड़क किनारे डंप किया जा रहा है.
जहानाबाद.
नगर परिषद क्षेत्र से उठाए जाने वाले कूड़े को डंप करने के लिए फिलहाल कोई कार्यरत डंपिंग जोन जिले में नहीं है जिसके कारण शहरी क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा कभी इधर तो कभी उधर सड़क किनारे डंप किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने नगर परिषद को 4.7 एकड़ जमीन डंपिंग जोन के लिए उपलब्ध कराई थी. यह जमीन जहानाबाद घोसी पथ पर गोलकपुर के निकट है. जमीन उपलब्ध कराए जाने के एक साल के बाद भी उक्त डंपिंग जोन में शहर से निकलने वाला कूड़ा नहीं फेंका जाता है. बल्कि शहरी क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा नगर परिषद के द्वारा कभी साईं मंदिर के पास की खाली जमीन में तो कभी और इरकी ग्रिड से आगे और कभी दोरुखिया के पास बाईपास से आगे डंप किया जाता है. इससे पहले शहर के बभना के निकट एनएच के किनारे भागीरथ बीघा के पास पूरे शहर का कूड़ा डंप किया जाता था किंतु वहां के आसपास के लोगों के भारी विरोध के बाद वहां कूड़े की डंपिंग बंद कर दी गयी. बावजूद वहां पर पहले से फेके गए कूड़े का ढेर पड़ा है जिसे नहीं हटाया गया है. वर्षों से जो कूड़ा उस जगह पर डंप हुआ है उसकी बदबू और प्रदूषण से आसपास के लोग अभी भी परेशान हैं. घनी आबादी के बीच वर्षों से पूरे शहर का कूड़ा डंप किए जाने और वहां लगे कूड़े के ढेर से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.जिले के घोसी रोड में गोलकपुर के निकट नगर परिषद को 4.7 एकड़ जमीन डंपिंग जोन के लिए वर्ष 2023 के जुलाई माह में उपलब्ध कराई गई थी जिसके बाद नगर परिषद के सफाई कर्मी और ट्रैक्टर चालक शहर से उठाया गया कूड़े को उक्त डंपिंग जोन में गिराने के लिए गए भी थे किंतु गोलकपुर और आसपास के ग्रामीणों ने सफाई कर्मियों को उक्त स्थल पर कूड़ा गिराने से मना कर दिया. जब नगर परिषद के सफाई कर्मी वहां पर जिला प्रशासन और नगर परिषद के आदेश का हवाला देते हुए कूड़ा गिराने लगे तो ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर उन्हें मरने के लिए दौड़े और उनलोगों को खदेड़ दिया. ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए नगर परिषद के सफाई कर्मी और ट्रैक्टर चालक वहां से भागने में ही अपनी भलाई समझी. इसके बाद से पूर्व की भांति शहर के भागीरथ बीघा के समीप पानी टंकी के पास कूड़ा डंप किया जाने लगा. पिछले वर्ष जून के महीने में लोगों के विरोध और प्रदर्शन के बाद वहां पर डंपिंग तो बंद किया गया है किंतु कूड़े के अंबार को वहां से पूरी तरह नहीं हटाया गया है जिसके कारण लोगों की परेशानी जस की तस बनी है. वहां पर नगर परिषद को सबा एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई थी. उक्त स्थल पर जगह कम होने के कारण कूड़े की डंपिंग सही तरीके से नहीं हो पाती थी. शहर के निकट होने के कारण डंप कूड़े से निकलने वाली बदबू और सड़ांध से भागीरथबिगहा, वभना और आसपास के मुहल्ले के लोगों के अलावा एनएच 110 से गुजरने वाले लोग भी परेशान रहते हैं. उक्त कूड़े की मात्रा को कम करने के लिए लोग अक्सर उसमें आग लगा देते थे जिसके कारण उक्त कूड़े से लगातार धुआं निकलता रहता था कूड़े और उसमें फेंके गए पॉलिथीन के जहरीले धुएं से आसपास के लोग और राहगीर परेशान रहते थे . नए डंपिंग जोन के अलॉटमेंट से बभना और आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन गोलकपुर, अमथुआ, काजीसराय सहित आसपास के विभिन्न ग्रामीणों के विरोध के कारण स्थिति बदल गयी.
जिले में नहीं है वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट :
जिले में आज तक कोई वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाया जा सका है जिसके कारण शहर से निकलने वाले कूड़े कचरे को अब तक केवल इधर-उधर फेंका ही गया है जिसके कारण शहर के इर्द-गिर्द चारों ओर कूड़े का ढेर लगे है और पूरा शहर प्रदूषण से त्रस्त है. इस सब से सबसे पहले शहर से निकलने वाले कूड़े को शहर के आसपास की नदियों में फेंक दिया जाता था जिसके कारण शहर से लगी हुई नदियां कूड़े से पटी हैं. इसके बाद जब ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदियों में कूड़े को फेंकने पर रोक लगाया तो शहर के इर्द-गिर्द चारों ओर कहीं एनएच 83 के किनारे तो कहीं एनएच 110 के किनारे और कहीं विभिन्न ग्रामीण सड़क के किनारे कूड़ा फेंका जाने लगा. जिधर भी कूड़ा फेंका जाता उस मुहल्ले और गांव के रहने वाले लोग इसका विरोध करते जिसके बाद कोई दूसरा इलाका चुन लिया जाता है. इसी तरह अब तक जगह-जगह कूड़े फेंक कर उसका ढेर लगाया जा चुका है. बाद में जिला प्रशासन के द्वारा भागीरथबिगहा के निकट सवा एकड़ गैरमजरूआ जमीन दिया गया था जिसमें कूड़ा डंप किया जाने लगा था किंतु जगह की कमी से उसमें बेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाया जा सका. गोलकपुर के समीप पर्याप्त मात्रा में जमीन उपलब्ध कराई गई तो प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाने की संभावना बढ़ी थी. किंतु ग्रामीणों के विरोध के कारण यह मामला भी अधर में लटक गया.क्या कहते हैं अधिकारीलोगों के विरोध के बाद भागीरथबिगहा में कूड़े की डंपिंग बंद कर उसे साई मंदिर के आसपास की खाली जमीन में फेंका जा रहा है. भागीरथबिगहा में पूर्व से जमा कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए आदेश दिया गया है. गोलकपुर में लोगों के विरोध के कारण कूड़े की डंपिंग नहीं हो पा रही है. दीनानाथ सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, जहानाबादडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है