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देश में एचएमपीवी के बढ़ते केस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

देश भर में चाइना से आए कोरोना के समान लक्षण वाले नये वायरस एचएमपीवी के केसों की बढ़ती संख्या के बाद जहानाबाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है.

जहानाबाद.

देश भर में चाइना से आए कोरोना के समान लक्षण वाले नये वायरस एचएमपीवी के केसों की बढ़ती संख्या के बाद जहानाबाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है. जिले में एचएमपीवी के संभावित खतरे को देखते हुए जीएनएम भवन में 20 बेड का एचएमपीवी अस्पताल तैयार किया जा रहा है. जीएनएम भवन में ही कोरोना की पहली और दूसरी लहर में मरीज को भर्ती कर इलाज किया जाता था. देश भर में इसके बढ़ते मरीज और राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद जिले में भी इससे निबटने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है ताकि आने वाले दिनों में अगर एचएमपीवी का मरीज जिले में मिलता है तो उसे लेकर इलाज में कोई परेशानी पेश न आये. इस मामले में सिविल सर्जन द्वारा एडवाइजरी जारी कर जिले के सभी अस्पतालों को इससे निबटने के लिए पहले से तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. अस्पताल के अधीक्षक, सीएचसी और पीएचसी प्रभारी अपने-अपने अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों खासकर कोरोना की तरह और क्यूट रेस्पिरेट्री इनफेक्शन एवं निमोनिया जैसे लक्षण वाले मरीज पर नजर रखने का निर्देश है और ऐसे मरीज मिलने पर उसका पूरा डिटेल जिला मुख्यालय तथा स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर प्रतिदिन अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. सभी अस्पताल के प्रभारी और सदर अस्पताल के अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि कहीं भी अगर कोई कोरोना जैसे लक्षण या एक्यूट रेस्पिरेट्री इनफेक्शन और निमोनिया का संदिग्ध मरीज मिलता है तो अविलंब उस मरीज को आइसोलेट कर लक्षण के अनुसार उसका कोरोना की तरह इलाज करें और इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय के साथ-साथ स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर अपलोड करें. इसके साथ ही ऐसे मरीज का आरटीपीएसआर जांच कराने के लिए उसका सेंपल कलेक्ट कर भेजने का निर्देश है.

मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग का निर्देश : अस्पतालों में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सक और नर्सों को भी एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है, उन्हें मास्क और ग्लब्स पहनकर ड्यूटी करने का निर्देश है. मरीजों का इलाज करते समय मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करने के लिए भी कहा गया है. सभी पीएचसी को अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर चुस्त-दुरुस्त रखने और उसमें ऑक्सीजन भराकर रखने का निर्देश दिया गया है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पल्स ऑक्सीमीटर की हालत पर रिपोर्ट मांगी गयी है. खराब मशीनों को रिपेयर कराया जा रहा है. जबकि जरूर के हिसाब से नयी मशीन के लिए रिक्वेस्ट भेजे जा रहे हैं. सभी अस्पतालों को कोरोना से संबंधित सभी इक्विपमेंट ऑक्सीजन सिलेंडर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पल्स ऑक्सीमीटर आदि एक्टिव रखने का निर्देश दिया गया है.क्या है मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) : ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक ऐसा वायरस है, जो आम सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है. यह अक्सर ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, लेकिन यह कभी-कभी निमोनिया, अस्थमा के प्रकोप जैसे निचले श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज को बदतर बना सकता है. छोटे बच्चों में गंभीर बीमारी का जोखिम अधिक होता है. 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और सांस लेने में समस्या या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को भी गंभीर लक्षण हो सकते हैं.क्या मानव मेटान्यूमो वायरस आरएसवी के समान है : मानव मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) आरएसवी वायरस नहीं है, लेकिन यह आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस) के समान है. यह आरएसवी (न्यूमोवायरस) के समान जीनस या वैज्ञानिक समूह का हिस्सा है, और समान लक्षण पैदा कर सकता है. एचएमपीवी से गंभीर बीमारी की अधिकतम आयु 6 से 12 महीने के बीच है, लेकिन आरएसवी छह महीने से कम उम्र के शिशुओं में गंभीर बीमारी का कारण बनने की अधिक संभावना है, लेकिन इसका इन्फेक्शन 14 साल तक आयु वर्ग और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों तथा कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली वाले मनुष्य में अधिक होता है. सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इनफेक्शन पैदा करता है. हालांकि इसका इन्फेक्शन किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है.एचएमपीवी के इन्फेक्शन के लक्षण : कोरोना के समान एचएमपीवी के इंफेक्शन का भी कमोबेश वही लक्षण है, जो कोरोना के इंफेक्शन के बाद सामने आते थे. इसके इंफेक्शन के बाद भी मरीज में सर्दी, खांसी, बुखार, गले में कंजेशन, सिर और बदन दर्द, नाक बंद श्वसन तंत्र में परेशानी थकान उल्टी दस्त और माइग्रेन के लक्षण सामने आ सकते हैं. बीमारी गंभीर होने पर एक्यूट रेस्पिरेट्री इनफेक्शन और निमोनिया जैसे हालात बन सकते हैं. इस स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है.इन स्थितियों में अस्पताल में भर्ती होने की है आवश्यकतासांस की नली में सूजन

ब्रोंकाइटिसन्यूमोनिया

अस्थमा या सीओपीडी का भड़कनाकान का संक्रमण (ओटिटिस मीडिया)

हाइ फीवरसांस लेने में दिक्कत

ऑक्सीजन लेवल का कम होनात्वचा, होंठ, नाखून या जीभ का नीला पड़ना ( साइनोसिस )

एचएमपीवी वायरस से बचाव : एचएमपीवी से बचाव के भी वही उपाय हैं जो कोरोना से बचाव के उपाय थे. इसके लिए भीडभाड़ से दूर रहना, सोशल डिस्टेंस का पालन करना, मास्क ऑफ सैनिटाइजर का उपयोग करना, सर्दी-खांसी बुखार वाले मरीजों से दूर रहना, बगैर किसी बीमारी के अस्पताल जाने से परहेज करना ही एचएमपीवी से भी बचाव के उपाय हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

बिहार में एचएमपीवी का केस नहीं आया है, फिर भी राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के अनुसार जिले में अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है. जीएनएम भवन में 20 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है. सभी अस्पतालों में बेड, संबंधित दवाएं और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही हैं. कोरोना काल के समय के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पल्स ऑक्सीमीटर और अन्य उपकरणों को तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. उसके संभावित लक्षण वाले मरीज की सूचना प्रतिदिन जिला और राज्य मुख्यालय के पोर्टल पर देनी है. डॉ देवेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन, जहानाबाद

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