शहर में सार्वजनिक स्थानों पर लगी हैं होर्डिंग्स
शहर सहित जहानाबाद जिले में सार्वजनिक स्थानों से लेकर निजी मकान पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे हैं जिनमें सुरक्षा मानकों का कोई पालन नहीं किया गया है.
जहानाबाद. शहर सहित जहानाबाद जिले में सार्वजनिक स्थानों से लेकर निजी मकान पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे हैं जिनमें सुरक्षा मानकों का कोई पालन नहीं किया गया है. पहले मुंबई के घाटकों में होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत और फिर होर्डिंग गिरने से कई लोगों के घायल होने के बाद भी जहानाबाद जिले के अधिकारी यहां लगे होर्डिंग्स की सुरक्षा को लेकर कोई सबक नहीं लिए हैं. मुंबई में बड़े दुघर्टना के बाद से यह सवाल उठ रहे हैं कि होर्डिंग्स लगाने की अनुमति ली गई थी या नहीं, अगर ली गयी थी तो किससे ली गयी थी. अनुमति देते समय आंधी पानी के दौरान उसकी सुरक्षा के मानकों की स्टडी की गयी थी या नहीं. कहीं यूं ही होर्डिंग्स लगाने की अनुमति तो नहीं दे दी गई थी. यही सारे सवाल जहानाबाद जिले की जनता के मन में भी कौंध रहे हैं. प्रभात खबर के द्वारा जब इन सवालों के जवाब खंगालने का प्रयास किया गया तो पता चला की नगर परिषद या जिले के नगर पंचायत के द्वारा ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया गया है कि जिले में नगर परिषद क्षेत्र अथवा नगर पंचायत क्षेत्र में कितने होर्डिंग्स लगे हैं. उनकी अनुमति नगर परिषद से ली गयी है या नहीं, या यूं ही अपनी मर्जी से होर्डिंग लगा दी गयी है. जिले में कई टन बजनी होर्डिंग सार्वजनिक स्थानों पर लगे हैं, इसके अलावा निजी भवनों पर भी बड़े-बड़े टनों बजनी होर्डिंग लगाये गये हैं. मुंबई में 100 फीट ऊंची होर्डिंग ढाई सौ टन की थी. जहानाबाद जिले में भी 30 से 50 फीट ऊंचे होडिंग्स लगाये गये हैं, जिनमें सुरक्षा का कोई ख्याल नहीं रखा गया है. इन होर्डिंग्स लगाते समय तेज आंधी के समय उसका इस होर्डिंग पर क्या असर होगा और उससे क्या खतरे हो सकते हैं. इसकी सुरक्षा का कोई सर्व या टेस्ट भी नहीं किया गया है.
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