जहानाबाद. जिले में कालाजार का कोई रोगी नहीं है, बावजूद इसके इसकी रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास की जरूरत है. इसके लिए सरकारी अस्पतालों में आने वाले वैसे रोगी जिन्हें 15 दिनों से अधिक समय से बुखार है उनका कालाजार टेस्ट जरूर कराया जाये. इसके लिए क्षेत्र की आशा को भी जागरूक करना होगा, ताकि वह अपने-अपने इलाके में ऐसे रोगियों को ढूंढ़ कर उन्हें सरकारी अस्पताल में कालाजार की जांच करायेगी. उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ देवेंद्र प्रसाद ने गुरुवार को निजी रेस्ट हाउस में आयोजित कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सबसे पहले सिविल सर्जन द्वारा दीप जलाकर कालाजार उन्मुखीकरण कार्यक्रम के कार्यशाला का उद्घाटन किया गया, जिसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पादिधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पादिधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डब्ल्यूएचओ के जोनल को-ऑर्डिनेटर डॉ अरुण कुमार, अविनाश कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार, जिला एपिडेमोलॉज, वेक्टर रोग नियंत्रण पादिधिकारी, अविनाश कुमार आदि उपस्थित थे. कार्यशाला में सभी प्रभारी चिकित्सक एवं चिकित्सा पादिधिकारी, स्टॉफ नर्स, ब्लॉक कम्युनिटी मोबिल्जर को सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कालाजार का रोगी नहीं है. अब इस स्थिति बनाए रखने के लिए हमेशा हम गहन मॉनीटरिंग, ईयरली डायग्नोसिस, कंप्लीट ट्रीटमेंट ओर वेक्टर कंट्रोल करने की जरूरत है. इसके लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नियंत्रण कीटनाशक का छिड़काव किया जाना है. सिविल सर्जन ने बताया कि इस साल कालाजार का एक मरीज पाया गया जो कि फीमेल है और पिंजौर सिकारिया की रहने वाली है. यह पूर्व में भी कालाजार से ग्रसित रही हैं. कालाजार मरीजों के लिए राज्य सरकार से 66 सौ रुपये एवं केंद्र से पांच सौ रुपये दिये जाते हैं, जो मरीज पूर्व में कालाजार ग्रसित हुए हैं उनमें से 10 प्रतिशत को पोस्ट कालाजार डर्मल लेस्मेंसिस हो जाता है उसे लिए केंद्र सरकार से चार हजार रुपये देने का प्रावधान है.
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