जल-जीवन-हरियाली में प्रदेश के तीन अग्रणी जिलों में शामिल है जहानाबाद

डीएम अलंकृता पांडेय की अध्यक्षता में समाहरणालय सभा कक्ष में जल-जीवन-हरियाली के प्रगति की समीक्षा की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 8:09 PM

जहानाबाद नगर.

डीएम अलंकृता पांडेय की अध्यक्षता में समाहरणालय सभा कक्ष में जल-जीवन-हरियाली के प्रगति की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान पाया गया कि सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं 2211 को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए चिह्नित किया गया था, जिसमें 2207 को निरीक्षण करते हुए अतिक्रमणमुक्त कराया गया है, शेष लंबित चार को भी शीघ्र अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश दिया गया. सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा तालाबों, पोखरों, आहरों, पईन का लंबित योजनाओं का शीघ्र जीर्णोद्धार कराने का निर्देश दिया गया. बताते चलें कि 337 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाना था जिनमें से 333 का जीर्णोद्धार पूर्ण कर लिया गया है. वहीं 310 आहर एवं 999 पईन का जीर्णोद्धार किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 306 आहर एवं 1001 पईन का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण कर लिया गया है. ग्रामीण क्षेत्र में 1838 में 703 कुओं के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण हो गया तथा नगर परिषद, पंचायत में 134 में 72 कुओं के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण हो गया. शेष को भी शीघ्र जीर्णोद्धार कराने का निर्देश दिया गया. साथ ही सभी कुओं के पास सोख्ता बनाने का निर्देश दिया गया. बैठक में बताया गया कि सार्वजनिक कुओं, चापाकलों के किनारे सोख्ता, रिचार्ज, अन्य जल संचयन संरचनाओं में ग्रामीण क्षेत्र में 10179 में 2284 चापाकलों के पास सोख्ता को पूर्ण किया गया तथा शहरी क्षेत्र में 481 में 129 चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण पूर्ण किया गया है. उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में 1838 में 708, कुओं के पास सोख्ता पूर्ण किया गया तथा शहरी क्षेत्र में 134 में 53 को कुओं के पास सोख्ता निर्माण पूर्ण किया गया है. मखदुमपुर नगर पंचायत को सोख्ता निर्माण का कार्य थोड़ा शिथिल है, जिसमें तेजी लाने का निर्देश दिया गया. छोटी-छोटी नदियों ,नालों में एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन के संरचनाओं का निर्माण का शत प्रतिशत कर लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग में छत वर्षा जल संचयन की शत प्रतिशत निर्माण कराया गया है तथा शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों में लंबित है जिसमें बताया गया कि कार्य हो गया है, तथापि डाटा की एंट्री नहीं हो पायी है, डाटा अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है. जिले में 931 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण आरडीडी 923200 पौधों को लगाया गया एवं 896436 उत्तरजीविता है. उसी प्रकार वन प्रमंडल द्वारा 1042345 पौधों को लगाया गया एवं 1042000 उत्तरजीविता है. बैठक में बताया गया कि कुल कृषि योग्य 124750 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें 565 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती से किया जा रहा है, जबकि 232.47 में टपकन सिंचाई से सिंचाई की जा रही है. सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत के वैकल्पिक स्त्रोत उपलब्ध हो, इसके लिए सरकारी भवनों, जिनकी संख्या जिला में 1429 चिह्नित की गयी है, उनमें से अब तक 68 सौर ऊर्जा युक्त भवन बना लिए गये हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version