जहानाबाद संसदीय सीट पर दूसरी बार रहा जीत का इतना बड़ा अंतर

जहानाबाद संसदीय लोकसभा क्षेत्र के मतदाता शुरू से ही काफी परिपक्व और मूडी रहे हैं. लोकसभा चुनाव में जिस प्रत्याशी पर मेहरबान हो गये उन्हें रिकॉर्ड मत उसे जीत दिला दी

By Prabhat Khabar News Desk | June 5, 2024 10:21 PM

जहानाबाद

. जहानाबाद संसदीय लोकसभा क्षेत्र के मतदाता शुरू से ही काफी परिपक्व और मूडी रहे हैं. लोकसभा चुनाव में जिस प्रत्याशी पर मेहरबान हो गये उन्हें रिकॉर्ड मत उसे जीत दिला दी और कभी हालात ऐसी कर दी कि मतगणना की गिनती के दौरान हर राउंड के बाद पहले और दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रत्याशियों की सांस अटक गयी. वर्तमान लोकसभा चुनाव में जहानाबाद की जनता ने राजद के प्रत्याशी सुरेंद्र प्रसाद यादव को यहां के संसदीय इतिहास में दूसरी बार रिकॉर्ड मतों से जिताया है. इस चुनाव में राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को 142591 मतों से पटकनी दी है. इस संसदीय लोकसभा क्षेत्र के इतिहास में इससे पहले केवल वर्ष 1977 में ही किसी प्रत्याशी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को इससे अधिक मतों से पराजित किया था. वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में उस समय के भारतीय लोकदल के उम्मीदवार हरिलाल प्रसाद सिन्हा ढाई लाख मतों से विजय हुए थे.

उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चंद्रिका प्रसाद यादव को 2 लाख 50 हजार 970 मतों से पराजित पराजित किया था. उस चुनाव में भारतीय लोक दल के प्रत्याशी हरिलाल प्रसाद सिन्हा को 317954 मत प्राप्त हुए थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रिका प्रसाद यादव को मात्र 66 हजार 984 मत ही प्राप्त हो सकता था. इस तरह 1977 के चुनाव में भारतीय लोक दल के उम्मीदवार हरिलाल प्रसाद सिन्हा ढाई लाख से अधिक मतों से विजयी घोषित किये गये थे. उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा लगायी गयी इमरजेंसी के बाद चुनाव कराया गया था जिसमें जाति धर्म और वर्ग के सारे भेद मिट गये थे. जहानाबाद संसदीय लोकसभा क्षेत्र के दो घोर विरोधी और परंपरागत रूप से चुनाव में आमने-सामने रहने वाले भूमिहार और यादव जाति के दोनों वर्ग के मतदाताओं ने जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर हरिलाल प्रसाद सिन्हा के पक्ष में मतदान किया था. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार को कांग्रेस के कैडर वोट के अलावा भूमिहार जाति के एक खास वर्ग का ही मत प्राप्त हो सका था.

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