किशोर न्याय परिषद ने अरवल एसपी को जारी किया कारण बताओ नोटिस
किशोर न्याय परिषद् जहानाबाद-अरवल के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रधान दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी ने अरवल पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार भील को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि परिषद के आदेशों को जान-बुझकर अवमानना करने के लिए आपके ऊपर पांच हजार रुपये का हर्जाना क्यों न लगाया जाये.
जहानाबाद नगर. किशोर न्याय परिषद् जहानाबाद-अरवल के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रधान दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी ने अरवल पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार भील को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि परिषद के आदेशों को जान-बुझकर अवमानना करने के लिए आपके ऊपर पांच हजार रुपये का हर्जाना क्यों न लगाया जाये. दरअसल पूरा मामला यह है कि किशोर न्याय परिषद के द्वारा 16 अगस्त को एक पत्र जारी किया गया था, जो कि करपी थाने से संबंधित बताया जाता है, जिसमें बोर्ड के द्वारा अरवल एसपी को लिखा गया कि मृतक संजय कुमार का मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट व सीडीआर उपलब्ध कराएं तथा अनुसंधानकर्ता संजीत सिंह एवं ज्वाला प्रसाद मंडल को परिषद के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित करवायेंगे परंतु एसपी के द्वारा उक्त निर्गत पत्र का कोई तामीला नहीं कराया गया. बोर्ड ने कहा कि बालक से संबंधित यह वाद जघन्य प्रवृति का है तथा उक्त दस्तावेजों एवं साक्षियों के साक्ष्य के अभाव में वाद का निष्पादन त्वरित रूप से नहीं हो पा रहा है एवं वाद की अग्रिम कार्यवाही को परिषद के द्वारा स्थगित रखी जा रही है. जबकि किशोर न्याय सचिवालय, उच्च न्यायालय, पटना के निर्देश पर किशोर न्याय परिषद में लंबित वादों का त्वरित रूप से विचारण किया जाना है. बोर्ड ने कहा कि एसपी के इस कृत्य के कारण वाद की अग्रिम कार्रवाई बाधित है, जो कि उनके कर्तव्य के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही का द्योतक प्रतीत होता है तथा ऐसा प्रतीत होता है कि उनके द्वारा जान-बूझकर मामले को लंबित रखा जा रहा है तथा वाद के त्वरित रूप से निष्पादन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. बोर्ड ने एसपी को पुनः आदेश दिया है कि 06 सितंबर को अपना लिखित कारण बताओ नोटिस समर्पित करें कि आपके इस कार्य के प्रति लापरवाही एवं परिषद के आदेशों के जान-बुझकर अवमानना करने के कारण आपके ऊपर 5000 रुपये का हर्जाना क्यों न लगाया जाए. साथ ही बोर्ड ने यह भी आदेशित किया है कि मृतक संजय कुमार का मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट, सीडीआर उपलब्ध कराना एवं दोनों अनुसंधानकर्ता को गवाही के लिए उपस्थिति निश्चित तिथि को आवश्यक रूप से करवायेंगे.
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