जहानाबाद नगर.
एक विधि विरुद्ध बालक को रात भर थाने में रखकर पुलिस अधिकारियों के द्वारा पैर बांधकर बच्चे को मारने का मामला संज्ञान में आते ही किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी ने कठोर कदम उठाते हुए एसपी को निर्देश देते हुए कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत जांच करें. साथ ही उनका वेतन रोकने का भी आदेश दिया.
दरअसल पूरा मामला यह है कि बिना गिरफ्तारी ज्ञापन तैयार किये बच्चे को पूरी रात अपने पास रखने, बच्चे पर थर्ड डिग्री करने और बच्चे को ओकरी ओपी में अपराध कबूल करने के लिए मजबूर करने के संबंध में बोर्ड ने स्पष्टीकरण मांगा था, हालांकि पुलिस अधिकारियों के द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था. बच्चे ने यह भी कहा कि नारायण नाम के एक व्यक्ति ने केवल सीडब्ल्यूपीओ को अपनी कस्टडी दी थी और वह लगातार एसएचओ, आइओ और इस मामले के सीडब्ल्यूपीओ के साथ फोन कॉल के माध्यम से संपर्क में था. बच्चे पर ओकरी पुलिस स्टेशन में कथित रूप से हमला किया गया था और एसएचओ ओकरी ओपी के पास बच्चे का प्रभार था. हालांकि यह ओकरी ओपी में बच्चे की अवैध हिरासत थी. बोर्ड का यह मानना है कि पुलिस अधिकारी विशेष रूप से एसएचओ, ओकरी ओपी, आइओ, सीडब्ल्यूपीओ ने जेजे एक्ट के तहत निहित प्रावधान का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है. विधि से संघर्षरत बालक के अभिभावक होने के नाते बोर्ड ने कहा कि पुलिस अधीक्षक स्वयं जांच करें या अपने अधीनस्थों को ओकरी ओपी के एसएचओ, आइओ, सीडब्ल्यूपीओ और अन्य दोषी पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध अवैध हिरासत के संबंध में जांच करने का आदेश दें. साथ ही ओकरी ओपी के एसएचओ, सीडब्ल्यूपीओ, आइओ और अन्य दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच के बाद एफआइआर दर्ज करें, अगर उन्हें पता चलता है कि ये अधिकारी जेजे अधिनियम 2015 के तहत बच्चे के खिलाफ अपराध करने में शामिल हैं. जांच पूरी होने तक एसपी को ओकरी ओपी के एसएचओ, सीडब्ल्यूपीओ और आईओ का वेतन रोकने और अनुपालन के बारे में बोर्ड को सूचित करने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने एसपी को आदेशित किया कि इंक्वारी करें और थाना का सीसीटीवी फुटेज, एसएचओ, आइओ एवं सीडब्ल्यूपीओ का सीडीआर का डिटेल निकाल कर बोर्ड को प्रस्तुत करें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है