कोर्ट हॉल्ट पर यात्रियों के लिए सुविधाओं का अभाव
पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद कोर्ट हाॅल्ट पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. बरसात के इस मौसम में यात्री मेंटो शेड के नीचे बरसात से बचने का प्रयास करते देखे जा रहे हैं.
जहानाबाद नगर.
पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद कोर्ट हाॅल्ट पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. बरसात के इस मौसम में यात्री मेंटो शेड के नीचे बरसात से बचने का प्रयास करते देखे जा रहे हैं. कोर्ट हॉल्ट पर बड़ा शेड नहीं होने के कारण बरसात से बचने के लिए यात्री इधर-उधर भटकते दिखते हैं. मेंटो शेड के नीचे सिर छुपाना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में वे आसपास संचालित झोंपड़ीनुमा दुकानों में सिर छुपा बारिश से बचने का प्रयास करते हैं. कोर्ट हॉल्ट से सुविधाओं के अभाव के बीच प्रतिदिन हजारों यात्री अपनी यात्रा आरंभ करते हैं. खास कर सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मी जो कि पटना या गया से आते-जाते हैं, वे इसी कोर्ट हाल्ट पर ट्रेन पर चढ़ते-उतरते हैं. पीजी रेलखंड के जहानाबाद तथा मसौढ़ी स्टेशन के बाद सबसे अधिक राजस्व संग्रह करने वाला यह कोर्ट हाल्ट रेल अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.कबाड़खाने में तब्दील है द्वितीय श्रेणी का प्रतीक्षालय :
यात्री सुविधा के नाम पर यहां बना द्वितीय श्रेणी का प्रतीक्षालय कबाड़खाने में तब्दील है जिसमें ताला भी लटका हुआ है. ऐसे में सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात का मौसम में, हर मौसम में यात्रियों को खुले में ट्रेन की प्रतीक्षा करनी पड़ती है. स्टेशन पर एक छोटा शेड पहले से बना है जो अवैध वेंडरों के कब्जे में रहता है. शेड के नीचे बैठने के लिए यात्रियों को अक्सर वेंडरों के साथ तू-तू मैं-मैं करनी पड़ती है. महीने में करीब ढाई लाख से अधिक का राजस्व देने वाला इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए अन्य सुविधाएं भी नदारद हैं.शौचालय बना, लेकिन लटका है ताला :
कोर्ट हाल्ट परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालय का निर्माण कराया गया है. हालांकि शौचालय में ताला लटका हुआ है. ऐसे में पुरुष यात्री तो इधर-उधर अपना काम चला लेते हैं लेकिन महिला यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्हें या तो आसपास के घरों में इसके लिए जाना होता है या फिर झाड़ियों के बीच जाना पड़ता है.मात्र एक काउंटर से यात्रियों को मिलती है टिकट :
कोर्ट हाॅल्ट पर शौचालय, प्रतीक्षालय के साथ ही पेयजल की सुविधाओं का तो अभाव है ही, यहां मात्र एक टिकट काउंटर है जिसके सहारे यात्रियों को टिकट लेना पड़ता है. प्लेटफाॅर्म नं दो पर खड़े यात्रियों को टिकट के लिए प्लेटफार्म नं 01 पर आना पड़ता है जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है. प्लेटफार्म पर बने छोटे-छोटे मेंटो शेड न तो यात्रियों को धूप से बचा पाता है और न ही बारिश में ही उन्हें सुरक्षित रख पाता है.आरओबी के बजाय ट्रैक पार करने की है मजबूरी :
यात्री सुविधा के लिए कोर्ट हाल्ट पर आरओबी का निर्माण कराया गया है. हालांकि आरओबी का इस्तेमाल काफी कम संख्या में यात्रियों द्वारा किया जाता है. अधिकांश यात्री रेलवे ट्रैक पार कर ही प्लेटफाॅर्म नं 01 से 02 पर आते-जाते हैं. इससे कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं. आरओबी प्लेटफाॅर्म के एक छोर पर बने होने के कारण दूसरे छोर पर रहने वाले यात्री को ट्रैक पार करने की मजबूरी है. अगर वे आरओबी से ट्रैक पार करने का प्रयास करेंगे तो उतने समय में ट्रेन चली जायेगी और वे प्रतीक्षा करते ही रह जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है