आज से नदी घाटों से शुरू होगा बालू का उठाव

आज से बालू घाट खुल जायेगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बरसात के दिनों में 30 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाट से बालू के उठाव पर रोक लगा दी गयी थी जो समाप्त हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 15, 2024 10:24 PM

जहानाबाद सदर

. आज से बालू घाट खुल जायेगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बरसात के दिनों में 30 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाट से बालू के उठाव पर रोक लगा दी गयी थी जो समाप्त हो गयी है. अब आज से सभी जगह पर नदी से बालू का उठाव शुरू हो जायेगा. बालू के नदी से उठाव शुरू होने से लोगों को फायदा मिलने लगेगी तथा बाजार में अब पहले की अपेक्षाकृत सस्ता बालू मिल सकेगा. विदित हो कि एनजीटी द्वारा बरसात के दिनों में पर्यावरण को देखते हुए नदी से बालू के उठाव पर रोक लगा दी गयी थी. 15 अक्टूबर को लगायी गयी रोक की अवधि समाप्त हो गयी है तथा नदी से बालू का उठाव का कार्य शुरू हो जायेगा. नदी से बालू के उठाव शुरू होने से लोगों को आसानी से बालू मिल सकेगा. नदी से बालू का उठाव नहीं होने पर स्टॉक के द्वारा लोगों को बालू मिल रही थी जो बाजार में काफी महंगी थी. बाजार में बालू वर्तमान समय में 4500 से लेकर 5500 रुपये प्रति ट्रैक्टर मिल रही थी लेकिन अब नदी घाट से बालू के उठाव शुरू होने पर सस्ता बालू हो जाने की उम्मीद लोगों में जग गयी है.

अरवल जिले के छह घाटों पर होगा बालू खनन : अरवल. जिले में बालू खनन 16 नवंबर से आरंभ हो जायेगा. जिले के छह घाटों पर बालू खनन शुरू हो जाएगा. जिसमें पांच घाट सोन नदी के और एक घाट पुनपुन नदी का है. जिला खनन पदाधिकारी नवेंदु कुमार सिंह ने बताया कि सोन नदी के कोरियम, सोनबरसा मखदुमपुर कबीर, रामपुर बैना, सोहसा और पुनपुन नदी के किंजर बालू घाट से बालू खनन शुरू होगा. खनन करने वाली सभी घाट संचालकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी ऑनलाइन बालू की बिक्री शुरू नहीं हुआ है, इसके लिए विभाग एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है. एप्लीकेशन बन जाने के बाद ही ऑनलाइन बालू की बिक्री हो सकेगी. जिले में सोन नदी से बालू का खनन शुरू होते ही जिला प्रशासन के लिए बालू के अवैध खनन और अवैध रूप से वाहनों पर ओवरलोड बालू की ढुलाई पर रोक लगाना चुनौतीपूर्ण साबित होता है. मालूम हो कि सोन नदी में नियमों को ताक पर रख बालू की निकासी होती है. वहीं कई बालू घाटों से वाहनों पर ओवरलोड बालू की बिक्री होने के साथ कई बार बिना ई-चालान के ही वाहनों को बालू बिक्री करने के मामले भी सामने आते रहे हैं. पासिंग गिरोह की मिलीभगत से ओवरलोड व बिना चालान के बालू लदे वाहनों को ग्रामीण रास्ते जिले और दूसरे जिले के विभिन्न जगहों पर पुलिस प्रशासन के मिली भगत से पहुंचाई जाती है.

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