दो दिनों से जिले में घाटों से बालू की लोडिंग बंद
बालू की आपूर्ति बाधित होने से कहीं काम की रफ्तार पर असर पड़ा है तो कहीं बालू के अभाव में काम बंद हो गया है.
जहानाबाद.
बालू घाटों से जहानाबाद जिला सहित पूरे बिहार में पिछले दो दिनों से बालू का उठाव बंद है जिसके कारण आम मकान निर्माता सहित विभिन्न एजेंसियों के द्वारा करायी जा रही सरकारी कार्यों के ठेकेदार भी परेशान हैं. बालू की आपूर्ति बाधित होने से कहीं काम की रफ्तार पर असर पड़ा है तो कहीं बालू के अभाव में काम बंद हो गया है. इधर बालू का उठाव नहीं होने से जिले में बालू ढोने वाली हजारों गाड़ियां खड़ी हो गयी हैं. इन गलियों के चालक और खलासी पेट्रोल पंप, गेराज और विभिन्न जगहों पर गाड़ी खड़ी कर अपने-अपने घर चले गये हैं. वहीं विभिन्न बालू घाटों पर बालू का उठाव बंद होने से सन्नाटा पसरा हुआ है. बताया जाता है कि एक जनवरी से जहानाबाद जिला सहित पूरे बिहार के बालू घाटों पर बालू का चालान नहीं मिल रहा है. चालान नहीं मिलने के कारण बालू की लोडिंग भी बंद कर दी गयी है. बालू की लोडिंग बंद होने से बालू ढोने वाले ट्रैक और हाइवा जहां के तहां खड़े हो चुके हैं. वैसे भी बगैर खनन चालान के कोई भी गाड़ी बालू की ट्रांसपोर्टिंग नहीं कर सकती है. ऐसे में जिनकी गाड़ी बालू घाटों पर लोड भी हो चुकी थी, उसके चालक उसे ले जाने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उन्हें पकड़े जाने का खतरा है. ऐसी गाड़ियां बालू घाटों पर ही खड़ी है. जबकि बालू ढोने वाली अन्य गाड़ियां कहीं गैराज तो कहीं पेट्रोल पंप और कहीं ड्राइवर के घर के पास खड़ी हैं. ऐसे में इन वाहनों के ड्राइवर और खलासी फिलहाल बेरोजगार हो गये हैं. सूबे में और खासकर जहानाबाद जिले में ज्यादातर वाहन चालक कमीशन पर गाड़ी चलाते हैं. ऐसे में जब गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं तो उन्हें कमीशन नहीं मिलता, जिसके कारण इन वाहनों के ड्राइवर और खलासियों के लिए घर चलना मुश्किल हो रहा है.नये साल पर सॉफ्टवेयर की सेटिंग में किया जा रहा है बदलाव :
सभी बालू खनन घाटों पर खनन चालान कंप्यूटर से निकाला जाता है. यह कंप्यूटर विभाग के मुख्यालय से जुड़ा हुआ रहता है. कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में विभाग के मुख्यालय से ही सॉफ्टवेयर फीड रहता है. विभाग के मुख्यालय के उसी मुख्य कंप्यूटर से सभी बालू घाटों का कंप्यूटर जुड़ा रहता है. विभाग के मुख्य कंप्यूटर में फीड किये गये डाटा आधार पर ही पूरे बिहार में बालू घाटों पर विभिन्न प्रकार की गाड़ियों पर बालू लोड होने के बाद अलग-अलग प्रकार के चालान घाटों पर लगाये गये कंप्यूटर से निकाला जाता है. बताया जाता है कि खनन विभाग के मुख्यालय में हर साल एक जनवरी से 31 जनवरी तक के लिए विभाग के कानून के अनुसार डाटा फीड किया जाता है. इस डाटा को हर नये साल पर आवश्यक संशोधन कर बदल जाता है. इसके बाद अगले एक साल तक उसी के अनुसार बालू घाटों पर चालान निकलता है. बशर्ते साल के बीच में कभी विभाग के द्वारा नियम कानून में कोई बदलाव नहीं किया जाये. सरकार के नीति निर्धारण के अनुसार अगर साल के बीच में बालू लोडिंग के संबंध में कोई बदलाव किया जाता है तो उसे फिर बीच में ही सॉफ्टवेयर में संशोधन कर नये डाटा को फीड करना होता है. फिलहाल साल खत्म होने पर अगले 1 साल के लिए विभाग के मुख्य कंप्यूटर में नया डाटा फीड किया जा रहा है. इसी कारण बालू घाटों पर चालान नहीं निकल रहा है जिससे बालू की लोडिंग बंद हो गयी है.जिले में दो बालू घाटों से ही हो रहा था उठाव :
जहानाबाद जिले में पहले के वर्षों में दर्जनों बालू घाटों से बालू का उठाव किया जाता था किंतु वर्तमान समय में जिले में मात्र दो बालू घाटों से बालू का उठाव किया जा रहा था जो फिलहाल एक जनवरी से बंद है. एक बालू घाट मखदुमपुर प्रखंड के राजाबिगहा गांव के निकट है. जबकि दूसरा बालू घाट शकुराबाद के घेजन में है. ये दोनों बालू घाट भी पिछले साल अक्टूबर माह से चालू हुए थे. जबकि उसके पहले जिले में एक भी बालू घाट चालू नहीं था. वर्षों तक दूसरे जिलों से ही जिले में बालू की आपूर्ति हो रही थी. हालांकि मात्र इन दो घाटों से जिले में जरूर के बालू की पूर्ति नहीं हो पाती है. जरूरत को पूरा करने के लिए अरवल और गया जिले से बालू मंगाना पड़ता है, बावजूद इसके दो बालू घाटों से बालू की आपूर्ति होने से बहुत हद तक जिले में लोगों की जरूरत पूरी होती है. फिलहाल वाहन मालिक से लेकर चालक और खलासी के साथ-साथ आम लोग भी बालू घाटों के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं.क्या कहते हैं अधिकारी
विभाग के सॉफ्टवेयर में हर साल डाटा फीड किया जाता है. यह डाटा एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक के लिए फीड किया जाता है. उसी अनुसार बालू घाटों पर बालू लोड किए गए वाहनों का चालान निकलता है. एक जनवरी से अगले एक साल के लिए उसी नए सॉफ्टवेयर को फीड करने का काम किया जा रहा है. एक-दो दिन में यह काम पूरा हो जायेगा. इसके बाद चालान निकलने लगेगा. मिथिलेश कुमार, खनन इंस्पेक्टर, जहानाबादडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है